पप्पू गणित में काफी कमज़ोर था, अतः उसके माता-पिता ने उसका नामांकन एक कॉन्वेंट स्कूल में करवा दिया! अपने नए स्कूल से पहले दिन वापस आते ही वह सीधा अपने कमरे में जाकर गणित के गृहकार्य करने लगा रात का खाना खाने के बाद वह फिर ऊपर अपने कमरे में जा कर जोड़ घटाव करने लगा! उसकी माँ उसके कमरे में जाती है और कहती है, तुम अपमे होमवर्क के लिए अत्यधिक कठिन परिश्रम कर रहे हो! हाँ पप्पू उत्तर देता है, आज जब मैंने उस आदमी को जोड़ के चिन्ह के सामने झुकते देखा तो, मैंने समझा कि वह किसी को मूर्ख नहीं बना रहा है! |
टीचर: होमवर्क क्यों नही किया? पप्पू: सर, लाइट नही थी! टीचर: तो मोमबत्ती जला लेते! पप्पू: सर, माचिस नही थी! टीचर: माचिस क्यों नही थी! पप्पू: पूजाघर में रखी थी! टीचर: तो वहां से ले आते! पप्पू: नहाया हुआ नही था! टीचर: नहाये क्यों नही थे! पप्पू: पानी नही था सर! टीचर: पानी क्यों नही था? पप्पू: सर मोटर नही चल रही थी! टीचर: उल्लू के पट्ठे, मोटर क्यों नहीं चल रही थी? पप्पू: सर बताया तो था, लाइट नही थी! |
एक बार पप्पू रेलवे ट्रैक से जा रहा था अचानक से उसका पैर ट्रैक से जुड़े ज्वाइंट में फंस गया वह इसे निकालने की कोशिश कर रहा था पर वह निकल ही नही पा रहा था तभी उसे ट्रेन के आने की आवाज सुनाई दी जिसे सुनकर उसके होश उड़ गए! जब उसे कोई रास्ता नजर नहीं आया तो वह भगवान से प्रार्थना करने लगा हे भगवान! मेरा पैर बाहर निकाल दे इसके बाद मैं अपनी सारी बुराईयाँ छोड़ दूंगा! पर कुछ नहीं हुआ उसका पैर वैसे ही फंसा रहा उसने फिर प्रार्थना की हे भगवान! मैं गाली गलौच देना और भी सारी बुराईयाँ छोड़ दूंगा मुझे बचा ले! फिर भी कुछ नहीं हुआ ट्रेन उससे कुछ ही दूरी पर थी वह लगातार पैर निकालने की कोशिश में लगा था पर कुछ नहीं हो पा रहा था उसने अंतिम बार भगवान से प्रार्थना की! हे भगवान! एक बार मेरा पैर निकाल दे मैं सारी बुराईयाँ, गाली गलौच देना और लड़कियों को देखना सब कुछ छोड़ दूंगा! तब तक ट्रेन बिलकुल पास पहुँच चुकी थी थोड़ी कोशिश करने के बाद अचानक उसका पाँव निकल गया और वह सीधा जाकर जमीन पर गया अपने कपड़ों से धूल झाड़ते हुए उसने आसमान की तरफ देखा और हल्का सा धन्यवाद करके कहा वैसे इस बार मैं अपनी कोशिश से बचा हूँ! |
एक बच्चा बाजार के बाहर अपनी माँ के आने का इन्तजार कर रहा था, तभी वहां से एक बाबाजी कुछ इधर उधर देखते हुए बच्चे की तरफ आ रहे थे उसने बच्चे को देखा तो
यकायक पूछ लिया बेटा, जरा मुझे ये तो बताओ की ये पोस्ट ऑफिस कहाँ है? बच्चे ने कहा बाबा यहाँ से सीधे आगे चले जाईये, आगे से अपने सीधे हाथ की तरफ मूढ़ जाईये, वहां तीन चार सीढ़ियाँ नजर आएँगी बस उनको पार कर लेना वहीँ सामने पोस्ट ऑफिस है! बाबा ने बच्चे का धन्यवाद किया और कहा कि मैं एक बहुत बड़े मठ का बाबा हूँ कभी हमारे मठ में आना मैं तुम्हें स्वर्ग जाने का रास्ता दिखाऊंगा! बच्चे ने मजाकिया लहजे में कहा बाबा जाईये जाईये अभी पोस्ट ऑफिस का रास्ता तो पता नहीं स्वर्ग का रास्ता क्या खाक दिखाएंगे! |