एक राजा को मलाई रबड़ी खाने का शौक था। उसे रात में सोने से पहले मलाई रबड़ी खाए बिना नीद नहीं आती थी। इसके लिए राजा ने सुनिश्चित किया कि खजांची (जो राज्य के धन का लेखा जोखा रखता है) एक नौकर को रोजाना चार आने दे मलाई लाने के लिए। यह क्रम कई दिनों तक चलता रहा। कुछ समय बाद खजांची को शक हुआ कि कहीं नौकर चार आने की मलाई में गड़बड़ तो नहीं कर रहा। उसने चुपचाप नौकर पर नजर रखनी शुरू कर दी। खजांची ने पाया कि नौकर केवल तीन आने की मलाई लाता है और एक आना बचा लेता है। अपनी चोरी पकड़ी जाने पर नौकर ने खजांची को एक आने की रिश्वत देना शुरू कर दिया। अब राजा को दो आने की मलाई रबड़ी मिलती जिसे वह चार आने की समझ कर खाता। कुछ दिन बाद राजा को शक हुआ कि मलाई की मात्रा में कमी हो रही है। राजा ने अपने खास मंत्री को अपनी शंका बतलाई और असलियत पता करने को कहा। मंत्री ने पूछताछ शुरू की। खजांची ने एक आने का प्रस्ताव मंत्री को दे दिया। अब हालात ये हुए कि नौकर को केवल दो आने मिलते जिसमें से एक आना नौकर रख लेता और केवल एक आने की मलाई रबड़ी राजा के लिए ले जाता। कुछ दिन बीते। इधर हलवाई जिसकी दुकान से रोजाना मलाई रबड़ी जाती थी उसे संदेह हुआ कि पहले चार आने की मलाई जाती थी अब घटते घटते एक आने की रह गई। हलवाई ने नौकर को पूछना शुरू किया और राजा को बतलाने की धमकी दी। नौकर ने पूरी बात खजांची को बतलाई और खजांची ने मंत्री को। अंत में यह तय हुआ कि एक आना हलवाई को भी दे दिया जाए। अब समस्या यह हुई कि मलाई कहां से आएगी और राजा को क्या बताया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी मंत्री ने ले ली। इस घटना के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि राजा को मलाई की प्रतीक्षा करते नींद आ गयी। इसी समय मंत्री ने राजा की मूछों पर सफेद चाक(खड़िया) का घोल लगा दिया। अगले दिन राजा ने उठते ही नौकर को बुलाया तो मंत्री और खजांची भी दौड़े आए। राजा ने पूछा , "कल मलाई क्यों नही लाऐ ?" नौकर ने खजांची और मंत्री की ओर देखा। मंत्री बोला, "हुजर यह लाया था, आप सो गए थे इसलिए मैने आपको सोते में ही खिला दी। देखिए अभी तक आपकी मूछों में भी लगी है।" यह कहकर उसने राजा को आईना दिखाया। मूछों पर लगी सफेदी को देखकर राजा को विश्वास हो गया कि उसने मलाई खाई थी। अब यह रोज का क्रम हो गया, खजाने से चार आने निकलते और बंट जाते। राजा के मुंह पर सफेदी लग जाती। बचपन की सुनी यह कहानी आज के समय में भी सामयिक है। आप कल्पना करें कि आम जनता राजा है, मंत्री हमारे नेता हैं और अधिकारी व ठेकेदार क्रमश: खजांची और हलवाई हैं। पैसा भले कामों के लिए निकल रहा है और आम आदमी को चूना दिखाकर संतुष्ट किया जा रहा है। |
एक दिन संसद के मध्य सत्र में एक सांसद जो अपने गुस्से और सनकीपन के लिए मशहूर था, बहुत ही गुस्से में जोर-जोर से चिल्लाने लगा, इस सदन में बैठे आधे नेता डरपोक और भ्रष्टाचारी है! सदन में बैठे अन्य नेतागण जोर से चिल्लाने लगे या तो ये महोदय अपनी स्टेटमेंट वापिस ले या फिर इन्हें बचे हुए सत्र से बर्खास्त कर बाहर भेज दिया जाये! थोड़ी देर के लिए सदन में बिल्कुल सन्नाटा छा गया! फिर वह सांसद बोला ठीक है, मैं अपने शब्द वापिस लेते हुए कहता हूँ कि इस सदन में बैठे आधे नेता न तो डरपोक है और न ही भ्रष्टाचारी है! |
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने घोषणा की कि उन्होंने मंगल ग्रह पर पानी खोज निकाला है। अब इस घटना पर हमारे देश की राजनीति में कैसी प्रतिक्रियाएं हुई, जरा देखिये: नरेन्द्र मोदी: मितरों... 60 साल हो गए देश आज़ाद हुए, आज तक पानी मिला क्या? जनता: नहीं मिला तो अब मंगल ग्रह पर पानी मिलने के बाद मैं आप सबसे पूछना चाहता हूँ कि... आपको बुध पर पानी चाहिए कि नही चाहिए? जनता: चाहिए आपको शुक्र पर पानी चाहिए कि नहीं चाहिए? जनता: चाहिए आपको शनि पर पानी चाहिए कि नहीं चाहिए? जनता: चाहिए तो आपसे मेरी हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि इस यूपी चुनाव में मुझे अपना आशीर्वाद दीजिये और भाजपा की सरकार बनवाइए। राहुल गांधी: पानी - पानी क्या होता है? आज मैं आपको बताता हूँ कि पानी क्या होता है? पानी, दरअसल पानी होता है। ये जो मंगल ग्रह का पानी है, वो किसानों और मजदूरों का पानी है, गरीबों का पानी है, और ये सूटबूट की सरकार - ये मोदी सरकार उस पानी को उद्योगपतियों को देना चाहती है लेकिन मैं आपको ये बताने आया हूँ कि हम ऐसा होने नहीं देंगे। अरविन्द केजरीवाल: मंगल पर पानी ढूँढने के लिए मैं वैज्ञानिकों को बधाई देता हूँ लेकिन ये केंद्र की सरकार पानी का कंट्रोल अपने हाथों में रखना चाहती है, दिल्ली की चुनी हुई सरकार को पानी से दूर रखना चाहती है। ओवैसी: कोई ये न समझे कि मंगल के पानी पर सिर्फ किसी एक कौम का हक है। ध्यान रहे कि उस पानी पर मुसलमानों का भी बराबर का हक है। लालू यादव: ई मंगल पे पानी, मंगल पे पानी, मंगल पे पानी का करता है रे? धुत! अरे ऊ तो बिहार का पानी है जो हमरे गया से जाता है। गया में जा के पुरखों को पानी देते हो कि नहीं? बोलिए? उहै पानी पहुँचता है मंगल पे बुडबक! जी न्यूज़: यहाँ आपके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि मोदी जी इस देश के ऐसे पहले प्रधानमन्त्री बन गए हैं जिनके कार्यकाल में मंगल पर पानी मिला है। दीपक चौरसिया: इस वक़्त मैं मंगल पर हूँ और जैसा कि यहाँ मैं देख पा रहा हूँ ये दरअसल एक स्विमिंग पूल है, जो ललित मोदी का है, जो अपनी पत्नी के इलाज के लिए पेरिस हिल्टन के साथ यहाँ आये हुए हैं। मोदी भक्त: देख लो, इसे कहते हैं अच्छे दिन। तुम लोग साले दाल की मंहगाई का रोना ही रोते रहना, बस। |
नेता का बेटा अपने पिता से बोला, "पापा मुझे भी राजनीति में आना हैं, मुझे कुछ टिप्स दो।" नेता: बेटा, राजनीति के तीन कठोर नियम होते हैं। "चलो पहला नियम समझाता हूँ", यह कहकर नेता जी ने बेटे को छत पर भेज दिया और ख़ुद नीचे आकर खड़े हो गए। नेता जी: छत से नीचे कूद जाओ। बेटा" पापा, इतनी ऊंचाई से कुदूंगा तो हाथ पैर टूट जायेंगे। नेता जी: बेझिझक कूद जा, मैं हूँ ना, पकड़ लूँगा। लड़के ने हिम्मत की और कूद गया, पर नेताजी नीचे से हट गए। बेटा धड़ाम से ओंधे मुंह गिरा और कराहते हुए बोला, "आपने तो कहा था मुझे पकड़ोगे, फिर हट क्यों गए?" नेता जी: ये हैं पहला सबक "राजनीति में अपने बाप का भी भरोसा मत करो।" |