एक शराबी पूरा टून्न हो कर घर जा रहा था! रास्ते में मंदिर के बाहर पुजारी दिखा! शराबी ने पुजारी से पूछा सबसे बड़ा कौन? उस से पीछा छुड़ाने के लिए पूजारी ने कहा ये मंदिर बड़ा शराबी बोला मंदिर बड़ा तो धरती पर कैसे खड़ा! पुजारी: धरती बड़ी! शराबी: धरती बड़ी तो शेषनाग पर क्यों खड़ी? पुजारी: शेषनाग बड़ा! शराबी: शेषनाग बड़ा तो शिव के गले में क्यों पड़ा! पुजारी: शिव बड़ा! शराबी: शिव बड़ा तो पर्वत पर क्यों खड़ा? पुजारी: पर्वत बड़ा! शराबी: पर्वत बड़ा तो हनुमान की ऊँगली पर क्यों पड़ा? पुजारी: हनुमान बड़ा! शराबी: हनुमान बड़ा तो राम के चरणों में क्यों पड़ा? पूजारी: राम बड़ा! शराबी: राम बड़ा तो रावण के पीछे क्यों पड़ा? पूजारी: अरे मेरे बाप तू बता कौन बड़ा? शराबी: इस दुनिया में वो बड़ा जो पूरी बोतल पीकर भी अपनी टांगो पर खड़ा! |
एक साहब सुबह ऑफिस जाने के लिए बस में सवार हुए तो कन्डक्टर ने सवाल किया रात ठीक-ठाक घर पहुंच गए थे! क्यों? उसने हैरानी से पूछा, मुझे क्या हुआ था रात को? कन्डक्टर ने जवाब दिया आप शराब पीकर टुन्न थे! तुम्हें कैसे पता चला? मैंने तो तुम से बात तक नहीं की थी! आप जब बस में बैठे हुए थे तो एक मैडम बस में चढ़ी थीं, जिन्हें आपने उठकर अपनी सीट ऑफर की थी! तो? तब बस में आप दो ही पैसेन्जर थे साहब! |
एक शराबी नशे में टुन्न होकर जा रहा था तो पीछे से एक रिक्शावाला आया उस ने कहा: हट जाओ हट जाओ! शराबी हट गया और साइड पर एक घर के दरवाजे के सहारे खड़ा हो गया! वहां उस को नींद आ गई, सुबह घर के मालिक ने दरवाज़ा खोला तो शराबी नीचे गिर गया, और चिल्लाते हुए बोला: यार इतना तो साइड दिया था फिर भी टक्कर मार दी! |
एक शराबी ने एक दिन कुछ ज्यादा ही पी ली, लड़खड़ाते क़दमों से वह किसी तरह अपने घर पहुंचा और जेब से चाबी निकालकर ताला खोलने लगा! नशा ज्यादा होने पर वह चाबी को ताले मे डाल नही पा रहा था, चाबी कभी इधर हो जाती कभी उधर, उसे परेशान देखकर एक सज्जन ने उसकी मदद करनी चाही पास आकर सज्जन बोला लाओ ताला मै खोल लेता हूं! शराबी ने कहा नही ताला तो मै खुद ही खोल लूंगा तुम केवल दरवाजे को पकडकर खडे रहो! |