जब संता घर पहुँच तो उसकी बीवी जीतो रो रही थी। संता: डार्लिंग क्यों रो रही हो। जीतो: आपकी माँ में मेरा अपमान किया है। संता: अरे ऐसा कैसे हो सकता है माँ तो कब से गाँव वाले मकान में रह रही है वो तुम्हारा अपमान कैसे कर सकती है? जीतो: आज सुबह ही एक चिट्टी तुम्हारे नाम आयी तो मैं उसे पढ़ने के लिए काफी उत्सुक हो गयी और चिट्टी के अंत में लिखा था: डियर जीतो, जब तुम पढ़कर इस चिट्टी को ख़त्म कर दो तो इसे मेरे बेटे को देना मत भूलना। |
संता और बंता कई दिनों बाद मिले संता कुछ उदास सा लग रहा था और आँखों में आंसू थे। बंता ने पूछा, "अरे तुम तो ऐसे लग रहे हो जैसे तुम्हारा सुब कुछ लुट गया हो क्या बात है?" संता ने कहा, "अरे क्या बताऊँ तीन हफ्ते पहले मेरे अंकल गुजर गए और मेरे लिए 50 लाख रूपए छोड़ गए।" बंता: तो इसमें बुरी बात क्या है? संता ने कहा: और सुनो दो हफ्ते पहले मेरा एक चचेरा भाई मर गया जिसे मैं जानता भी नहीं था वो मेरे लिए 20 लाख रूपए छोड़ गया। बंता ने कहा: ये तो अच्छा हुआ। बंता ने कहा: पिछले हफ्ते मेरे दादाजी नहीं रहे और वो मेरे लिए पूरा 1 करोड़ छोड़ गए। बंता ने कहा: ये तो और भी अच्छी बात है पर तुम इतना उदास क्यों हो? संता ने कहा: इस हफ्ते कोई भी नहीं मरा। |
एक आदमी पेपर पढ़ रहा था जब उसकी बीवी ने उसके सिर पर जोर से फ्राईंग पैन दे मारा! "यह किस लिए मारा", उस आदमी ने पूछा? बीवी ने जवाब दिया,"आज तुम्हारी पैंट की जेब से एक कागज का टूकड़ा मिला उस पर 'जेन्नी' लिखा हुआ था इसलिए।" "अरे पिछले हफ्ते मैं रेस कोर्स गया था और जिस घोड़ी पर मैंने पैसे लगाए थे उसका नाम 'जेन्नी' था", आदमी ने सफाई दी। उसकी बीवी ने उससे माफी मांगी और वह अपना काम करने रसोई के अंदर चली गई। तीन दिन बाद वह आदमी घर में टी.वी. देख रहा था जब उसकी बीवी ने और एक बड़े फ्राईंग पैन से उसके सिर पर इतने जोर से की वह बेहोश ही हो गया। जब उस आदमी को होश आया उसने पूछा,"अब यह किस लिए मारा?" "आज दिन में तुम्हारी घोड़ी का फोन आया था तुम्हारे बारे में पूछ रही था इसलिए", उसकी बीवी ने जवाब दिया। |
एक बैंक बिल्कुल जेल के सामने था एक दिन बैंक के सेफ का लॉक नही खुल रहा था बैंक वालों ने हर तरह कोशिश की मैकनिक बुलाये पर फिर भी वे सेफ का लॉक नही खोल पाए। तब बैंक मैनेजर ने जेल में जाकर कैदियों से मदद मांगी एक कैदी सेफ का लॉक खोलने के लिए तैयार हो गया। उसे पुलिस सुरक्षा में बाहर लाया गया और उसने थोड़ी ही देर में बिना किसी तोड़फोड़ के सेफ खोल दिया। बैंक मैनेजर उसके उस कारनामे से बहुत खुश हुआ। मैनेजर ने सेफ खोलने वाले कैदी से कहा, "मैं आपसे बहुत खुश हूँ, आपने बिना किसी क्षति के सेफ खोल दिया आप बताईये की इस काम के लिए हम आपको कितने रूपए दें।" सेफ खोलने वाले कैदी ने कहा, "पिछली बार तो जब मैंने ऐसा ही एक सेफ खोला था तो मुझे 10 लाख रूपए मिले थे तभी तो मैं यहाँ हूँ।" |