संता-बंता Hindi Jokes

  • जल्दबाजी ठीक नहीं!

    एक बार संता अपनी बीवी के साथ जा रहा था।

    रास्ते में उसे एक दोस्त मिला, जिसे पुलिस ने पकड़ा हुआ था।

    संता ने उससे पूछा, "क्या हुआ?"

    दोस्त: मैंने अपनी बीवी को मार डाला।

    संता कुछ सोचते हुए बोला, "सज़ा क्या मिली है?"

    दोस्त: 6 हफ्ते।

    संता: बस 6 हफ्ते।

    संता ने आव देखा ना ताव फटाफट पुलिस की पिस्टल ली और अपनी बीवी को मार डाला।

    दोस्त रोते हुए बोला, "अबे साले तूने ये क्या किया?", पूरी बात तो सुनता 6 हफ्ते बाद मुझे फांसी दी जायेगी।
  • आज आखिरी दिन है!

    संता एक बार में जाता है और बार वाले से कहता है,"मुझे एक जोरदार पैग पिलाओ।"

    बार वाला पैग लेकर आता है, संता पैग उठाता है और इसे इसे एक सांस में पी जाता है।

    संता एक और पैग लाने के लिए कहता है वह भी जल्दी पी के रख देता है।

    पांच, छह पैग पीने के बाद बार वाला सोचता है, कि अब वो उसे और शराब नहीं पिलाएगा, बार वाला संता से कहता है, "अरे आज क्या बात है? क्या बीवी से झगड़ा हुआ है या कुछ और?"

    संता आह भरते हुए कहता है, "हाँ झगड़ा हुआ है और झगड़े के बाद मेरी बीवी ने कहा एक महीने तक उससे बात नहीं करनी।"

    बार वाले ने कहा, "तो इसमें गलत क्या है?"

    संता ने कहा, अरे आज बात न करने का आखिरी दिन है।
  • उदास क्यों हो!

    संता और बंता कई दिनों बाद मिले संता कुछ उदास सा लग रहा था और आँखों में आंसू थे, बंता ने पूछा, "अरे तुम तो ऐसे लग रहे हो जैसे तुम्हारा सब कुछ लुट गया हो क्या बात है?"

    संता ने कहा, "अरे क्या बताऊँ तीन हफ्ते पहले मेरे अंकल गुजर गए और मेरे लिए 50 लाख रूपए छोड़ गए।"

    बंता: तो इसमें बुरी बात क्या है?

    संता ने कहा, "और सुनो दो हफ्ते पहले मेरा एक चचेरा भाई मर गया जिसे मैं जानता भी नहीं था वो मेरे लिए 20 लाख रूपए छोड़ गया।"

    बंता ने कहा, "ये तो अच्छा हुआ।"

    बंता ने कहा, "पिछले हफ्ते मेरे दादाजी नहीं रहे और वो मेरे लिए पूरा 1 करोड़ छोड़ गए।"

    बंता ने कहा, "ये तो और भी अच्छी बात है पर तुम इतना उदास क्यों हो?

    संता ने कहा, "इस हफ्ते कोई भी नहीं मरा।"
  • संता का रक्षक

    संता का अपनी बीवी से झगड़ा हो गया।

    वह काफी गुस्से में अपने घर से निकला गली से होकर जल्दी जल्दी दफ्तर की तरफ जा रहा था तभी उसे एक आवाज सुनाई दी ठहरो! ठहर जाओ! अगर तुमने एक कदम भी आगे बढ़ाया तो एक ईंट तुम्हारे सिर पर आकर गिरेगी और तुम यहीं मर जाओगे।

    संता घबराहट में इधर उधर देखने लगा तभी एक ईंट आकर उसके पैर के पास गिरी संता ने चारों और नजर दौड़ाई पर उसे वो आवाज देने वाला कहीं नजर नही आया।

    वह वैसे ही गुस्से में था तो उसने ज्यादा ध्यान भी नही दिया और आगे बढ़ गया।

    गली छोड़कर वह मुख्य सड़क पर आ गया जैसे ही वह सड़क पार करने लगा फिर से वही आवाज उसके कानों में पड़ी ठहरो! ठहर जाओ! एक कदम भी आगे बढ़ाया तो एक गाड़ी तुम्हें कुचल देगी।

    संता फिर रुक गया तभी एक गाड़ी संता को लगभग छूती हुई निकल गयी।

    संता बहुत हैरान हो गया कि ये आवाज देने वाला है कौन जो नजर भी नही आ रहा है और मुझे खतरों से भी बचा रहा है।

    संता ने जोर से आवाज लगाई, "अरे भाई कौन हो तुम?"

    दूसरी तरफ से आवाज आई, "मैं आपका सेवक और रक्षक देवदूत हूँ मेरा काम आपको मुसीबतों से बचाना है।"

    संता ने चिढ़ते हुए कहा, "अरे कमबख्त उस वक़्त तुम कहाँ मर गए थे जब मेरी शादी हो रही थी।"