पति और पत्नी सुबह घर से अपनी-अपनी कार लेकर निकले।
पति ऑफिस चला गया और पत्नी मार्किट चली गयी, आधे घंटे बाद पत्नी ने पति को फोन किया। पत्नी बड़े प्यार से बोली,"जानू कार में एक प्रोब्लम आ गयी है, इसके कार्बोरेटर में पानी चला गया है।" पति गुस्से से,"तुम्हारा दिमाग तो ठीक है, तुम्हें पता भी है कि कार्बोरेटर क्या होता है, तुम कार बताओ कहां पर है, मैं देख लूंगा।" पत्नी: किसी के स्विमिंग पूल में। |
सरकारी अस्पताल में एक व्यक्ति खाँसता हुआ अंदर आया। सारा स्टाफ एकदम सतर्क हो गया सभी ने उसे पकड़ा और एक ने मुँह पर कसकर मास्क बाँध दिया! डॉक्टर उसका टेस्ट करने लग गए वो व्यक्ति छटपटा कर उनकी पकड़ से निकलने की कोशिश करता रहा, परन्तु उसकी कोशिश नाकाम रही। उसने कुछ बताना चाहा परन्तु किसी ने बोलने भी नही दिया। उसकी टेस्ट रिपोर्ट आई तो स्टॉफ़ ने राहत की साँस ली और उसने कहा कि उसे कोरोना नहीं है। डॉक्टर ने उससे पूछा कि तुम खाँसते हुए अंदर क्यों आये? उसने बड़ी मासूमियत से कहा, "मेरे छोटे भाई की बीवी यहाँ नर्स है! मैं उससे मिलने आया था। मैं जब भी छोटे भाई के घर जाता हूँ तो खाँस देता हूँ ताकि बहु समझ जाये कि जेठ जी आये हैं और वह सिर पर पल्लू रख ले।" |
एक बार संता और बंता एक कोयले की खदान में नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जाते हैं तो मैनेजर पहले बंता को बुलाता है और उसका इंटरव्यू लेता है। मैनेजर: क्या तुमने इस से पहले भी कभी खदान में काम किया है? बंता: जी हाँ। मैनेजर: अच्छा तो मुझे यह बताओ की उसकी गहराई कितनी थी? बंता: जी 20 फुट। बंता की बात सुन मैनेजर को गुस्सा आ जाता है तो वह उस से कहता है, "क्या बकवास कर रहे हो 20 फुट गहरी भी कोई खदान होती है, तुम झूठ बोल रहे हो इसीलिए मेरे कमरे से बहार निकल जाओ।" मैनेजर की बात सुन बंता बहार आ जाता है और संता को अन्दर हुई सारी बात बताता है और कहता है, "अगर मैनेजर अन्दर तुमसे खदान की गहराई के बारे में पूछे तो ज्यादा से ज्यादा बताना।" उसके बाद संता की बारी आती है तो मैनेजर फिर उस से वही सवाल पूछता है। मैनेजर: क्या तुमने इस से पहले कभी खदान में काम किया है? संता: जी हाँ। मैनेजर: अच्छा तो उस खदान की गहराई कितनी थी? संता: जी 20,000 हज़ार फुट। मैनेजर: बहुत बढ़िया तो एक बात और बताओ कि इतनी गहराई में काम करते वक्त तुम किस तरह की लाईटों का प्रयोग करते थे? संता: जी मुझे कभी लाईटों की ज़रूरत नहीं पड़ी क्योंकि मेरी दिन की शिफ्ट होती थी। |
एक बार एक आदमी शनिवार कि सुबह कुछ बड़ी ही असामान्य सी आशंका के साथ उठ बैठता है, जिसमे उससे लगता है कि आज का दिन उसके लिए कुछ अलग होने वाला है!
इसी विचार के साथ खिड़की पर लगे उष्णमापन यन्त्र कि ओर उसकी नज़र जाती है तो वह देखता है कि उसमे तापमान 33 डिग्री होता है! वह सीढियों से नीचे जाता है तो देखता है कि दीवार पर लगी घडी भी 3 बजे पर रुकी हुई होती है! जैसे ही वह दरवाज़े पर पहुँच कर अख़बार उठता है तो देखता है है आज तारीख भी 3 ही है! वह इस विश्वास के साथ कि आज की तीसरी दौड़ में त्रिकाल नाम का घोडा भी दौड़ रहा होगा, फटाफट अखबार के पन्ने पलटा कर घुडदौड वाले स्तम्भ में पहुँच जाता है! और जैसे ही उससे वह नाम दिखता है, वह फ़टाफ़ट बैंक जाता है, और जितने भी पैसे उसके पास होते हैं उन्हें निकाल कर त्रिकाल नाम के घोड़े पर दाव लगा देता है! और जब दौड़ खत्म होती है तो, त्रिकाल नाम का घोडा तीसरे स्थान पर आता है! |