Hindi Jokes

  • दिव्य ज्ञान!

    नेता का बेटा अपने पिता से बोला, "पापा मुझे भी राजनीति में आना हैं, मुझे कुछ टिप्स दो।"

    नेता: बेटा, राजनीति के तीन कठोर नियम होते हैं।

    "चलो पहला नियम समझाता हूँ", यह कहकर नेता जी ने बेटे को छत पर भेज दिया और ख़ुद नीचे आकर खड़े हो गए।

    नेता जी: छत से नीचे कूद जाओ।

    बेटा" पापा, इतनी ऊंचाई से कुदूंगा तो हाथ पैर टूट जायेंगे।

    नेता जी: बेझिझक कूद जा, मैं हूँ ना, पकड़ लूँगा।

    लड़के ने हिम्मत की और कूद गया, पर नेताजी नीचे से हट गए।

    बेटा धड़ाम से ओंधे मुंह गिरा और कराहते हुए बोला, "आपने तो कहा था मुझे पकड़ोगे, फिर हट क्यों गए?"

    नेता जी: ये हैं पहला सबक "राजनीति में अपने बाप का भी भरोसा मत करो।"
  • मेहनती और सफल कर्मचारी!

    मेहनती कर्मचारी` का मतलब क्या है?

    मेहनती कर्मचारी "तेजपत्ता" है! कोई भी सब्जी बनाते समय सबसे पहले उसे ही डाला जाता है, पूरे समय वो सब्जी के साथ रहता है और उसी सब्जी को परोसते ओर खाते समय सबसे पहले उसे ही खींचकर बाहर फेंका जाता है!

    सफल कर्मचारी का मतलब क्या है?

    सफल कर्मचारी "हरा धनिया" होता है! उसे पता हीं नहीं होता क्या बन रहा है और सब्जी बन जाने के सबसे  बाद में प्रस्तुत करने के समय डाला जाता है और फिर सब्जी के सारे स्वाद का श्रेय उसे ही दिया जाता है!
  • एक भयानक सत्य कथा!

    भारत में प्रथम श्रेणी में पास होने वाले विद्यार्थी टेक्नीकल में प्रवेश लेते हैं और वह डॉक्टर या इंजिनियर बनते है।

    द्वितीय श्रेणी में पास होने वाले MBA में एडमिशन लेते हैं और व्यवस्थापक/प्रबंधक बनते है तथा प्रथम श्रेणी वालों को हैंडल करते हैं।

    तृतीय श्रेणी में पास होने वाले कहीं पर भी प्रवेश नहीं लेते हैं। वह राजनीती में जाते है और प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी वालो को हैंडल करते हैं।

    फेल होने वाले भी कहीं पर भी प्रवेश नहीं लेते हैं और वह अंडरवर्ल्ड में जा कर तीनों पर कंट्रोल करते है।

    और जो कभी स्कूल में गए ही नहीं वह बाबा-साधू बनते हैं और उपर लिखे चारों उनके पैर पढ़ते है।
  • कहानी की सीख!

    एक बार एक शिक्षक महोदय महान वैज्ञानिक न्यूटन के बारे में बता रहे थे।

    शिक्षक: बच्चों क्या आप जानते हो एक बार न्यूटन बगीचे में बैठा हुआ था कि तभी एक सेब उसके सिर पर आकर गिरा। और तब उसने गुरुत्वाकर्षण के नियम की खोज की। तो अब आप बताओ की इस घटना से आपको क्या सिख मिलती है?

    शिक्षक की बात सुन कर किसी बच्चे ने हाथ नहीं उठाया बस हमेशा की तरह पप्पू ने हाथ उठा दिया।

    शिक्षक: हाँ बेटा पप्पू बताओ।

    पप्पू: बात बिलकुल साफ है मास्टर जी कि अगर न्यूटन बगीचे न बैठकर कक्षा में बैठा होता, जैसे कि हम लोग बैठे हुए हैं, तो किसी चीज की भी खोज न कर पाता।