3 अलग-अलग शहरों से गोवा घूमने आए बच्चे अपने-अपने शहर में पड़ने वाली सर्दी के बारे में बातें कर रहे थे। पहला बच्चा: हमारे यहाँ इतनी सर्दी पड़ती है कि जब हम सुबह पानी के लिए नल खोलते हैं तो बरफ निकलती है। दूसरा बच्चा: बस इतनी सी... हमारे यहाँ तो इतनी सर्दी पड़ती है कि जब हम बात करते हैं तो वो जम जाती है और फिर हम उसे आग पर पिघला कर सुनते हैं। अंत में जब तीसरे बच्चे की बारी आयी तो उसने सोचा कि इन दोनों ने तो पहले ही इतनी लंबी-लंबी हाँक दी, अब मैं क्या करूँ। तो उसने अपने खुराफाती दिमाग को दौड़ाया और बोला, "अरे ये तो कुछ भी नहीं ... हमारे घर में तो एक दिन मेहमान आए, तो उनके जाने के बाद हमने सोफे पर एक बर्फ का गोला पड़ा हुआ देखा, जब उसे पिघलाया तो आवाज़ आई, पू ... ऊ...ऊ.. ऊ ....! |
स्कूल में टीचर ने चौथी क्लास के बच्चों को होमवर्क दिया। "कोई स्टोरी सोच के आना और फिर क्लास को बताना कि उससे हमें क्या सबक मिलता है?" अगले दिन एक बच्चे ने क्लास में स्टोरी सुनाई: "मेरा बापू कारगिल की जंग में लड़ा। उस के हेलीकॉप्टर को दुश्मनों ने मार गिराया। वो दारू की एक बोतल के साथ पहले ही हेलिकॉप्टर से कूद गया लेकिन बार्डर के पार दुश्मनों के इलाके में जा गिरा। जहां कि उस को घेरने के लिए दुश्मनों की फौज दौड पड़ी। बापू ने गटागट दारू की बोतल पीकर खाली की और अपनी बंदूक संभाल ली। दुश्मन के सौ फौजियों ने आ कर उसे घेर लिया तो उसने तड़ातड़ गोलियां चला कर दुश्मन के सत्तर फौजी मार ड़ाले। फिर उसकी गोलियां खत्म हो गयीं तो उसने बंदूक पर लगी किर्च से दुश्मन के बीस फौजी मार गिराये। तब उसने बंदूक फेंक दी और निहत्थे ही बाकी के दस और दुश्मन फौजी मार गिराये और फिर टहलता हुआ बार्डर पार कर के अपने इलाके में आ गया।" टीचर भौंचक्का सा उसका मुँह देखने लगा, फिर वैसा ही भौंचक्का सा बोला, "कहानी बढिया है, लेकिन इस से हमें सबक तो कोई नहीं मिलता।" "मिलता है न।" बच्चा शान से बोला। "क्या सबक मिलता है?" टीचर ने पूछा। "यही कि बापू टुन्न हो तो उस से पंगा नहीं लेने का।" |
टीचर क्लास में सो गई, तो एक छोटा शरारती बच्चा उन्हें जगाने गया। बच्चा बोला,"टीचर, आप क्लास में सो रही हैं।" टीचर: नहीं बेटा, मैं सो नहीं रही, मैं तो आंखें बंद करके भगवान से बातें कर रही थी। अगले दिन वह बच्चा क्लास में सो गया, तो टीचर ने उसे जगाया। टीचर: बेटा, क्लास में सोते नहीं है। बच्चा: नहीं मैम मैं सो नहीं रहा था। मैं तो भगवान से बातें कर रहा था। टीचर: अच्छा, तो क्या बोले भगवान? बच्चा: भगवान बोले कि उनकी तो आपसे कोई बात नहीं हुई थी। |
एक बच्चा बाजार के बाहर अपनी माँ के आने का इन्तजार कर रहा था, तभी वहां से एक बाबाजी कुछ इधर उधर देखते हुए बच्चे की तरफ आ रहे थे उसने बच्चे को देखा तो यकायक पूछ लिया बेटा, जरा मुझे ये तो बताओ की ये पोस्ट ऑफिस कहाँ है? बच्चे ने कहा बाबा यहाँ से सीधे आगे चले जाईये, आगे से अपने सीधे हाथ की तरफ मूढ़ जाईये, वहां तीन चार सीढ़ियाँ नजर आएँगी बस उनको पार कर लेना वहीँ सामने पोस्ट ऑफिस है। बाबा ने बच्चे का धन्यवाद किया और कहा कि मैं एक बहुत बड़े मठ का बाबा हूँ कभी हमारे मठ में आना मैं तुम्हें स्वर्ग जाने का रास्ता दिखाऊंगा। बच्चे ने मजाकिया लहजे में कहा बाबा जाईये जाईये अभी पोस्ट ऑफिस का रास्ता तो पता नहीं स्वर्ग का रास्ता क्या खाक दिखाएंगे। |