* खाँसी हो तो मुलैठी के पानी के साथ * बुखार हो तो शहद मिलाकर * गर्मी हो तो सोडा के साथ * ठंड लगे तो छुवारे के साथ * ताकत के लिए मुर्गे के साथ * कौलेस्टेरौल ज़्यादा हो तो मच्छी के साथ * रक्तचाप कम हो तो नमकीन भुजिया के साथ * रक्तचाप बढ़े तो बरफ डाल कर * पेशाब रुक कर आए तो बीयर के साथ * वजन कम करना हो तो सलाद के साथ * वजन बढ़ाना हो तो घी के आलू पराठों के साथ * गला खराब हो तो नमक डाल कर गरारे करो * कब्ज़ हो तो सादे पानी के साथ * लूज़ मोशन हो तो अनार के रस के साथ * हाथ*पैर काँपते हों तो पनीर के साथ * शुगर हो तो चने के साथ * पेट खराब हो तो अमरूद के साथ * कोई बीमारी ना हो तो शौक से पीओ शौक का कोई मोल नहीं होता पिओ और जीओ |
एक बार पठान बार में गया। वहां जाकर उसने बार में मौजूद सभी लोगों, जिनमें बार मालिक भी शामिल था, के लिए अपनी तरफ से एक-एक पैग व्हिस्की का ऑर्डर दिया।
"आज सभी लोग मेरी तरफ से पियो।" पठान ने झूमते हुए घोषणा की। आधे घण्टे बाद पठान ने फिर से सभी लोगों के लिए एक-एक पैग व्हिस्की का ऑर्डर दिया। बार मालिक को भी एक पैग और मिला। फिर तो हर आधे घण्टे बाद यही क्रम चलने लगा। पांचवें पैग के बाद बार मालिक को चिंता होने लगी। उसने पठान को एक तरफ बुलाकर कहा, "भाईसाहब, आपका अभी तक का बिल तीन हजार पांच सौ रुपये हो गया है।" "बिल, कैसा बिल? मेरे पास तो फूटी कौड़ी भी नहीं है।" पठान ने जेबें उल्टी करके दिखाते हुए कहा। अब तो बार मालिक का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। उसने लात घूंसों से पठान की जमकर पिटाई की और आखिर में बार के कर्मचारियों से कहकर पठान को बाहर फिंकवा दिया। अगले दिन शाम को बार अभी खुला ही था कि पठान अंदर आया और बोला, "एक पैग व्हिस्की मेरे लिए और एक-एक यहां मौजूद सभी लोगों के लिए मेरी तरफ से।" फिर बार मालिक की तरफ उंगली करके बोला, "सिर्फ तुमको छोड़कर। तुम चार पैग के बाद बहक जाते हो।" |
एक व्यापारी एक शराबखाने में गया वह बार में बैठा और उसने एक स्कॉच का पैग मंगवाया पैग पीने के बाद उसने अपनी कमीज की जेब में देखा, और उसने स्कॉच का एक और पैग मंगवाया।
उसने इसे पीने के बाद फिर अपनी जेब में देखा और एक और स्कॉच का ऑर्डर किया। आखिर बार वाले ने पूछ ही लिया, "अरे दोस्त! मैं तुम्हें पूरी रात शराब पिलाऊंगा पर तुम मुझे बस इतना बता दो की जब तुम ड्रिंक मँगा रहे हो, उससे पहले अपनी जेब में क्या देख रहे हो?" तो उस शराबी ने कहा,"मैं अपनी पत्नी की फोटो को देख रहा हूँ, जब वो मुझे अच्छी दिखने लगेगी, तब मैं समझूंगा की अब घर जाने का समय हो गया है।" |
लॉकडाउन में दो दोस्तों ने कसम खाई कि अब कभी शराब नही पियेंगे! इधर कसम खाई उधर शराब बिकनी शुरू! अब दोनों असमंजस में, करें तो क्या करें, एक ने सलाह दी कि पीने की कसम खाई है, खरीदने की तो नही!
आखिर दोनों बोतल ले आए और घर मे आकर बैठ गए, अब लत और जोर मारने लगी तो दूसरा बोला कि भाई पीने की कसम खाई है, जाम बनाने की तो नही, अब दो पटियाला पेग बन गए, लेकिन कसम के कारण दोनो ही आगे नही बढ़े! अब दोनों मायूस, कसम के हाथों मजबूर, जाम को देखते बैठे रहे, समय बीतता रहा बीतता रहा, नशा बड़े बड़ों को गुलाम बना लेता है पर ये दोनों पक्के थे, कसम ली थी तो तोड़ नही सकते थे चाहे कुछ भी हो जाये! फिर पता नही क्या हुआ कि दोनों एक साथ बोले कि भाई पीने की कसम खाई है, पिलाने की तो नही! यह कह कर दोनों ने जाम उठाये और एक दूसरे को पिला दिए! अब आप लोग बताएं कि कसम टूटी या नही? |