व्यक्ति: अगर कोरोना नेगटिव आया तो? डॉक्टर: मास्क लगाओ, सोशियल डिस्टेंस रखों! व्यक्ति: और अगर पॉजिटिव आया? डॉक्टर: फिर भी यही करना है! व्यक्ति: अगर नेगेटिव आया तो कहां रहना है? डॉक्टर: घर पर! व्यक्ति: अगर पॉजिटिव आया? डॉक्टर: तो भी घर पर... व्यक्ति: अगर नेगेटिव आया तो क्या लें? डॉक्टर: बस विटामिन बी, सी और गर्म दूध, चाय इम्युनिटी के लिए! व्यक्ति: अगर पॉजिटिव आया तो? डॉक्टर: तो भी यही लेना... व्यक्ति: जब कोई फर्क ही नहीं तो टेस्ट क्यों करवाऊं? डॉक्टर: बिना टेस्ट पता कैसे लगेगा कि... 'पॉजिटिव' है या 'नेगेटिव'? |
एक ENT डॉक्टर ने एक गाँव में क्लीनिक खोला। उसी गाँव के RMP डॉक्टर अपने गाँव के मरीजों को समझा रहे थे ताकि उनका महत्व कम न हो! गाँव वाले, "जब आप हो यहाँ तो नया डॉक्टर क्यों?" RMP डॉक्टर: हमारे गाँव में एक नए डॉक्टर आ रहे हैं। हम तो समझदार थे जोकि 2 साल में ही पढ़ के आ गए। मगर ये जो नए डाक्टर आए हैं इन्हें सरकार ने 5 साल पढ़ाया। नहीं पढ़ पाए तो सरकार ने फिर 3 साल और पढ़ाया। फिर भी जब नहीं पढ़ पाए तो सरकार ने कहा "तुम खाली नाक-कान-गला तक ही पढ़ लो। |
कल मैं अपने हेल्थ के बारे में अपने डॉक्टर से मिलने गया! डॉक्टर ने गंभीर होकर सलाह दी! 1) ज़्यादातर पैदल चला करो। 2) कोल्डड्रिंक्स कम कर दो। 3) शराब तो बिलकुल ही छोड़ दो। 4) बहुत ज्यादा पानी पीओ। 5) अगर आस-पास जाना हो तो रिक्शा में मत जाओ, चल के जाओ। 6) बाहर का खाना पूरी तरह से बंद करो। 7) घर पर तेल, घी मत खाओ और मांस, अंडे, मछली खाना बंद करो। मैंने "हाँ" तो बोल दिया फ़िर डरते-डरते सवाल पूछा: डॉक्टर साहब असल में मुझे हुआ क्या है? तब डॉक्टर ने कहा: तुम्हें हुआ "कुछ नहीं" है। मार्किट में काम धंधा है नहीं, मंदी बहुत छाई है। तुम्हारी कमाई वैसे ही कम है। बीमार हो गए तो इलाज झेल नहीं पाओगे। |
एक डॉक्टर ने नया-नया क्लिनिक खोला तो बाहर बोर्ड टाँग दिया, जिसपे लिखा था, "किसी भी बीमारी का इलाज़ मात्र 300/- रुपये में और अगर हम आपका इलाज़ नहीं कर पाये तो हम आपको 1000/- रुपये देंगे।"
यह बोर्ड पढ़कर एक दिन एक आदमी के मन में ख्याल आया कि क्यों न कोई चालाकी की जाये और 1000/- रुपये कमाये जाएँ। इसी सोच के साथ आदमी डॉक्टर के पास पहुँच गया। डॉक्टर: आईये बैठिये, बताइये क्या तक़लीफ है आपको? आदमी: डॉक्टर साहब, मैं अपना स्वाद खो चुका हूँ। कुछ भी खाता या पीता हूँ तो स्वाद का पता ही नहीं चलता। डॉकटर ने पूरी बात सुनी और नर्स से कहा कि 22 नंबर वाली बोतल में से कुछ बूंदे इनकी जीभ पर डाल दो। नर्स से जैसे ही बूंदे आदमी की जीभ पर डाली, आदमी एक दम से चिल्लाया, "यह तो पेशाब है।" डॉक्टर: मुबारक हो आपका स्वाद वापस आ गया। आदमी बहुत शर्मिंदा हुआ और उसे 300/- रूपये भी गंवाने पड़े। कुछ दिनों बाद वो फिर से डॉक्टर के पास अपना हिसाब बराबर करने पहुँच गया। डॉक्टर: जी अब क्या तकलीफ हो गयी। आदमी: डॉक्टर साहब, मैं अपनी यादाश्त कमज़ोर हो गयी है। डॉक्टर ने नर्स से कहा कि 22 नंबर वाली बोतल में से दवाई निकाल कर इनको दो। यह सुन कर आदमी तुरंत बोला, "डॉक्टर साहब वो दवाई तो स्वाद वापस लाने के लिए है न।" डॉक्टर: मुबारक हो आपकी यादाश्त भी वापस आ गयी है। |