मेरी प्यारी बेगम, सवाल कुछ भी हो, जवाब तुम ही हो। रास्ता कोई भी हो, मंजिल तुम ही हो। दुःख कितना ही हो, ख़ुशी तुम ही हो। अरमान कितना ही हो, आरजू तुम ही हो। गुस्सा जितना भी हो, प्यार तुम ही हो। ख्वाब कोई भी हो, ताबीर तुम ही हो। "यानी ऐसा समझो कि सारे फसाद की जड़ तुम हो और सिर्फ तुम ही हो।" |
आदमी के हालात कैसे बदलते हैं, ज़रा गौर कीजिये - शादी के पहले - हीरो नं. 1 शादी के बाद - कुली नं. 1 शादी के पहले - मैंने प्यार किया शादी के बाद - ये मैंने क्या किया शादी के पहले - जानेमन मत जाओ शादी के बाद - जान मत खाओ शादी के पहले - तुम बिन रहा ना जाए शादी के बाद - तुमको सहा ना जाए शादी के पहले - कुछ तो बोलो शादी के बाद - कभी चुप भी हो लो शादी के पहले - आय लव यू शादी के बाद - आज फिर आलू शादी के पहले - मिलने कब आओगी शादी के बाद - मायके कब जाओगी |
एक दंपत्ति ने जब अपनी शादी की 25 वीं वर्षगांठ मनाई तो एक स्थानीय समाचारपत्र का संवाददाता उनका साक्षात्कार लेने उनके घर जा पहुंचा। दरअसल वे दंपत्ति अपने शांतिपूर्ण और सुखमय विवाहित जीवन के लिये पूरे कस्बे में प्रसिध्द हो चुके थे। उनके बीच कभी कोई तकरार नाम मात्र के लिये भी नहीं हुई । संवाददाता उनके सुखी जीवन का राज जानने के लिये उत्सुक था। पति ने बताया - हमारी शादी के फौरन बाद हमलोग हनीमून मनाने के लिये शिमला गये हुये थे। वहां हम लोगों ने घुड़सवारी की। मेरा घोड़ा तो ठीक था पर जिस घोड़े पर मेरी पत्नी सवार थी वह जरा सा नखरैल था। उसने दौड़ते दौड़ते अचानक मेरी पत्नी को नीचे गिरा दिया। पत्नी ने घोड़े की पीठ पर हाथ फेरते हुये कहा - यह पहली बार है । और फिर उसी घोड़े पर सवार हो गई। थोड़ी दूर चलने के बाद घोड़े ने फिर उसे नीचे गिरा दिया। पत्नी ने अबकी बार कहा - यह दूसरी बार है। और फिर उसी घोड़े पर सवार हो गई। तीसरी बार जब घोड़े ने उसे नीचे गिराया तो मेरी पत्नी ने घोड़े से कुछ नहीं कहा, बस अपने पर्स से पिस्तौल निकाली और घोड़े को गोली मार दी। मैं अपनी पत्नी पर चिल्लाया - `ये तुमने क्या किया ! तुमने एक बेजुबान जानवर को मार दिया! क्या तुम पागल हो गई हो ?` पत्नी ने मेरी तरफ देखा और कहा - `ये पहली बार है!` और बस, तभी से हमारी जिंदगी सुख और शान्ति से चल रही है। |
पत्नी को किसी किटी पार्टी में जाना था तो उसने अपने पति से पूछा, "सुनो जी मैं कौन सी साड़ी पहनूं? ये नीली वाली या लाल वाली? पति: नीली वाली पहन लो। पत्नी: लेकिन नीली वाली तो मैंने परसो भी पहनी थी। पति: अच्छा तो फिर लाल ही पहन लो। पत्नी: अच्छा अब यह बताओ, लाल साड़ी के साथ सैंडल कौन से अच्छे लगेंगे? ये फूल वाले या प्लेन? पति: प्लेन वाले। पत्नी: अरे मैं पार्टी में जा रही हूँ, किसी कथा में नहीं। थोड़ी तड़क -भड़क तो दिखनी चाहिए ना। पति: ताे ठीक है फूल वाले पहन लो। पत्नी: अच्छा बिंदी कौन सी अच्छी लगेगी? ओवल या ये बड़ी या ये छोटी सी? पति: मेरे ख्याल से तो ओवल ठीक रहेगी। पत्नी: तुम्हें फैशन का जरा भी आइडिया नहीं है। मैंने जो साड़ी पहनी है ना, उसके साथ तो ये छोटी ही अच्छी लगेगी। पति: तो ठीक है, छोटी बिंदी ही लगा लो। पत्नी: अच्छा, पर्स कौन सा जमेगा? यह क्लच या बड़ा हैंडबैग। पति: क्लच ले लो। पत्नी: अाजकल तो बड़े हैंडबैग का फैशन है। पति: ताे अरे बाबा, वही ले जाओ, मुझे क्या करना है। बस पार्टी को एंजॉय करना। पत्नी जब पार्टी से लौटकर आई तो बड़े गुस्से में थी। पति: अरे क्या हुआ? पत्नी: तुम एक भी काम ढंग से नहीं कर सकते क्या? पति: क्यों मैंने क्या गलत कर दिया? पत्नी: पार्टी में सब मेरा मजाक उड़ा रहे थे कि कैसी साड़ी पहनकर आ गई, कैसी बिंदी लगाई है, पर्स और सैंडल पर भी कमेंट पास कर रहे थे। पति: तो इसमें मेरा क्या दोष है? पत्नी: सब मैंने तुमसे ही पूछ कर किया था न? ढंग से नहीं बता सकते थे क्या? इससे तो अच्छा था कि मैं खुद ही डिसाइड कर लेती। |