एक बार पठान को किसी मामले के लिए गवाह के तौर पर अदालत में पेश किया गया। वकील ने पठान से जोर से चिल्लाते हुए पूछा, "क्या ये सच नहीं कि तुमने इस मुक़दमे के समझौते के लिए 5 लाख रुपये लिए हैं? क्या तुम इस बात को स्वीकार करते हो? पठान पर उसकी बात का कोई असर नहीं पड़ा और वो खिड़की से बाहर देखने लगा जैसे उसने कुछ सुना ही न हो। "क्या ये सच नहीं कि तुमने इस मुक़दमे के समझौते के लिए 5 लाख रुपये लिए हैं?" वकील ने फिर चिल्लाते हुए पूछा। पठान ने फिर भी कोई जवाब नहीं दिया। आखिरकार वकील जज के सामने गिड़गिड़ाने लग गया और कहा इससे कहें कि ये मेरे प्रश्न का जवाब दे। तब जज ने कहा कि सर प्लीज इनके प्रश्न का जवाब दे। पठान थोड़ा सा हैरानी से कहने लगा, "मुझे तो लग रहा था कि इतनी देर से वो ये सब आप से पूछ रहा है।" |
पठान को किसी जुर्म में पुलिस पकड़ कर ले गयी। पुलिस अफसर ने पठान से पूछा, "क्या तुम लिख-पढ़ सकते हो?" पठान ने उत्तर दिया, "हुजूर, लिख तो सकता हूँ, पर पढ़ नहीं सकता।" "अच्छा! कागज पर अपना नाम लिखो।" पुलिस अफसर ने कहा। पठान ने कागज उठाकर उस पर टेढ़ी- मेढ़ी लकीरे खींच दी और कागज वापस कर दिया। "यह तुमने क्या लिखा है?" झुंझलाकर पुलिस अफसर ने कहा। पठान: साहब , मैंने पहले ही कहा था कि मैं लिख सकता हूं, पढ़ नहीं सकता। |
एक बार पठान बार में गया। वहां जाकर उसने बार में मौजूद सभी लोगों, जिनमें बार मालिक भी शामिल था, के लिए अपनी तरफ से एक-एक पैग व्हिस्की का ऑर्डर दिया। "आज सभी लोग मेरी तरफ से पियो।" पठान ने झूमते हुए घोषणा की। आधे घण्टे बाद पठान ने फिर से सभी लोगों के लिए एक-एक पैग व्हिस्की का ऑर्डर दिया। बार मालिक को भी एक पैग और मिला। फिर तो हर आधे घण्टे बाद यही क्रम चलने लगा। पांचवें पैग के बाद बार मालिक को चिंता होने लगी। उसने पठान को एक तरफ बुलाकर कहा, "भाईसाहब, आपका अभी तक का बिल तीन हजार पांच सौ रुपये हो गया है।" "बिल, कैसा बिल? मेरे पास तो फूटी कौड़ी भी नहीं है।" पठान ने जेबें उल्टी करके दिखाते हुए कहा। अब तो बार मालिक का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। उसने लात घूंसों से पठान की जमकर पिटाई की और आखिर में बार के कर्मचारियों से कहकर पठान को बाहर फिंकवा दिया। अगले दिन शाम को बार अभी खुला ही था कि पठान अंदर आया और बोला, "एक पैग व्हिस्की मेरे लिए और एक-एक यहां मौजूद सभी लोगों के लिए मेरी तरफ से।" फिर बार मालिक की तरफ उंगली करके बोला, "सिर्फ तुमको छोड़कर। तुम चार पैग के बाद बहक जाते हो।" |
एक बार पठान की बीवी मायके गयी हुई थी। पठान उसे लेने अपने ससुराल गया। जब बीवी को लेकर पठान ससुराल से वापस आने लगा तो उसकी सास ने उसके हाथ में 20 रुपये दे दिए। दोनों वापस घर आ गए। घर आने पर पठान कई दिनों तक अपनी बीवी से झगड़ता रहा। उससे सही तरीके से बात भी नहीं कर रहा था। एक दिन उसकी बीवी ने उससे तंग आ कर पठान को पूछ लिया, "क्यों जी, जब से आप मुझे लेकर आये हो, आप मुझसे झगड़ते ही रहते हो। ठीक से बात भी नहीं करते, ऐसी क्या बात हो गयी?" पठान: तुम्हारी माँ को कोई भी शर्म नहीं है न? बीवी: क्या हो गया? ऐसा क्यों बोल रहे हो? पठान: जब मैं तुम्हें लेने गया था तो पूरे 100 रूपये के केले लेकर गया था और तुम्हारी माँ ने आते वक़्त मेरे हाथ में 20 रुपये थमा दिए थे। बीवी तपाक से बोली: जी आप वहाँ मुझे लेने गए थे या केले बेचने? |