एक बार एक लड़का, लड़की से बोला, "तुम मुझसे शादी कर लो।"
लड़की: तुम्हारे पास फ्लैट है? लड़का: नहीं। लड़की: क्या तुम्हारे पास बीएमडब्ल्यू कार है? लड़का: नहीं। लड़की: तुम्हारी तनख्वाह कितनी है? लड़का: कुछ भी नहीं। लड़की: जब तुम्हारे पास कुछ भी नहीं है, तो क्या मेरा दिमाग खराब है जो मैं तुमसे शादी करूं? लड़का: मेरे पास एक बड़ा बंगला है, दो फेरारी और दो पोर्श कारें हैं तो मैं बीएमडब्ल्यू क्यों खरीदूं और मैं खुद पांच फैक्टरियों का मालिक हूँ तो मुझे तनख्वाह की क्या जरूरत है। लड़की: जानू तो फिर मैं अभी अपने घर जाऊं या तुम्हारे साथ ही चलूँ। |
कुछ हिंदी फ़िल्मी गीत जो कुछ बीमारियों का वर्णन करते हैं: गीत - जिया जले, जान जले, रात भर धुआं चले बीमारी - बुखार गीत - तड़प-तड़प के इस दिल से आह निकलती रही बीमारी - हार्ट अटैक गीत - सुहानी रात ढल चुकी है, न जाने तुम कब आओगे बीमारी - कब्ज़ गीत - बीड़ी जलाई ले जिगर से पिया, जिगर म बड़ी आग है बीमारी - एसिडिटी गीत - तुझमे रब दिखता है, यारा मैं क्या करूँ बीमारी - मोतियाबिंद गीत - तुझे याद न मेरी आई किसी से अब क्या कहना बीमारी - यादाश्त कमज़ोर गीत - मन डोले मेरा तन डोले बीमारी - चक्कर आना गीत - टिप-टिप बरसा पानी, पानी ने आग लगाई बीमारी - यूरिन इन्फेक्शन गीत - जिया धड़क-धड़क जाये बीमारी - उच्च रक्तचाप गीत - हाय रे हाय नींद नहीं आये बीमारी - अनिद्रा गीत - बताना भी नहीं आता, छुपाना भी नहीं आता बीमारी - बवासीर और अंत में गीत - लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है बीमारी - दस्त |
एक सिंधी दुकानदार की बाजार में छोटी सी मगर बहुत पुरानी दुकान थी।
ऊसकी दुकान के बगल में एक बिल्ली बैठी एक पुराने गंदे कटोरे में दूध पी रही थी। एक बहुत बड़ा कला पारखी दुकान के सामने से गुजरा। कला पारखी होने के कारण जान गया कि कटोरा एक एंटीक आइटम है और कला के बाजार में बढ़िया कीमत में बिकेगा। लेकिन वह ये नहीं चाहता था कि सिंधी को इस बात का पता लगे कि उनके पास मौजूद वह गंदा सा पुराना कटोरा इतना कीमती है। उसने दिमाग लगाया और सिंधी से बोला, "लाला जी, नमस्ते, आप की बिल्ली बहुत प्यारी है, मुझे पसंद आ गई है। क्या आप बिल्ली मुझे देंगे? चाहे जो कीमत ले लीजिए।" सिंधी ने पहले तो इनकार किया मगर जब कलापारखी कीमत बढ़ाते-बढ़ाते दस हजार रुपयों तक पहुंच गया तो वो बिल्ली बेचने को राजी हो गया और दाम चुकाकर कला पारखी बिल्ली लेकर जाने लगा। अचानक वह रुका और पलटकर उस से बोला, "लाला जी बिल्ली तो आपने बेच दी। अब इस पुराने कटोरे का आप क्या करोगे? इसे भी मुझे ही दे दीजिए। बिल्ली को दूध पिलाने के काम आएगा। चाहे तो इसके भी 100-50 रुपए ले लीजिए।" कहानी में Twist: सिंधी ने जवाब दिया, "नहीं साहब, कटोरा तो मैं किसी कीमत पर नहीं बेचूंगा, क्योंकि इसी कटोरे की वजह से आज तक मैं 50 बिल्लियां बेच चुका हूं।" |
औरत सच में ही प्रकृति की पेचीदा रचना है:
अगर आप उसे किस्स करते हैं, तो आप सज्जन आदमी नहीं अगर नहीं करते तो आप आदमी ही नहीं!! अगर आप उसकी तारीफ़ करो तो उसे लगता है कि आप झूठ बोल रहे हो अगर नहीं करो तो आपको कुछ नहीं आता, आप किसी काम के नहीं!! अगर आप उसकी सारी बातें मानते है तो आप डरपोक अगर नहीं मानते तो तालमेल ही नहीं बिठा पाते!! अगर आप उससे रोज मिलते हो तो आप बोर करते है अगर आप नहीं मिलते तो आप पर आरोप लगाया जाता है कि आप डबल क्रॉस कर रहे है!! अगर आप अच्छे कपड़े पहनते हो तो आप प्लेबॉय है अगर नहीं पहनते तो आप आलसी और सुस्त!! अगर आप एक भी मिनट लेट हो जाओ तो वो शिकायत करती है कि इन्तजार करना कितना मुश्किल होता है अगर वो लेट हो जाए तो कहती है ये लड़कियों का तरीका है! ! अगर आप उसे कभी कभी किस्स करते हैं तो आप रूखें हैं अगर आप रोज किस्स करने कि कोशिश करते हैं तो आप गलत फायदा उठा रहे हो!! अगर आप बोलते हैं तो वो चाहती है कि आप सुने अगर आप सुन रहे हो तो वो चाहती है कि आप बोले!! संक्षेप में: दिखने में जितनी सीधी सादी, उतनी ही जटिल जितनी कमजोर उससे कहीं ज्यादा शक्तिशाली!! जितनी पेचीदा उतनी ही मनभावन, ये नारी सच में अद्भुत है! |