गुदगुदी Hindi Jokes

  • प्याज़ के रुलाने का कारण!

    जब भगवान सारी सब्जियों को उनके गुण और सुगंध बांट रहे थे तब प्याज चुपचाप उदास होकर पीछे खड़ी हो गई। सब चले गए प्याज नहीं गई। वहीँ खड़ी रही। तब विष्णुजी ने पूछा, "क्या हुआ तुम क्यों नही जाती?"

    तब प्याज रोते हुए बोली, "आपने सबको सुगंध और सुंदरता जैसे गुण दिए पर मुझे बदबू दी। जो मुझे खाएगा उसका मुँह बदबू देगा। मेरे साथ ही यह व्यवहार क्यों?"

    तब भगवान को प्याज पर दया आ गई। उन्होने कहा, "मैं तुम्हे अपने शुभ चिन्ह देता हूँ। यदि तुम्हें खड़ा काटा जायेगा तो तुम्हारा रूप शंखाकार होगा और यदि आड़ा काटा गया तो चक्र का रूप होगा। यही नहीं सारी सब्जियों को तुम्हारा साथ लेना होगा, तभी वे स्वादिष्ट लगेंगी और अंत में तुम्हे काटने पर लोगों के वैसे ही आंसू निकलेंगे जैसे आज तुम्हारे निकले हैं। जब जब धरती पर मंहगाई बढ़ेगी तुम सबको रुलाओगी।

    दोस्तों इसीलिए प्याज आज इतना रुला रही है उसे वरदान जो प्राप्त है।

    परम ज्ञानी गुरु बाबा बकवास नंद के प्रवचनों से साभार!
  • बड़ा अंतर!

    लड़की का फेसबुक पे स्टेटस - वो बेवफा निकला।

    कमेंट्स लड़कों के:
    1. डिअर, वो आपके लायक था ही नहीं।
    2. तुम कहाँ वो साला बन्दर कहाँ।
    3. हमने तो पहले ही कहा, सब मेरे जैसे नहीं होते।
    4. कभी हमें अजमा के देखो, पता चलेगा भरोसा क्या है।
    5. जो भी हुआ अच्छा ही हुआ, चिंता मत करो जानू।
    लड़के का फेसबुक पे स्टेटस - वो बेवफा निकली।

    कमेंट्स नजदीकी दोस्तों के:

    1. साले, तेरी शकल ही गधे जैसी है।
    2. तेरे से बस आज तक कोई पटी है?
    3. तुझ जैसो से भी लड़की पटेगी।
    4. उससे तेरी नामर्दी का पता चल गया होगा।
    5. तेरे से कुछ नहीं होगा बच्चे, चल अब उसका नम्बर मुझे दे।
  • ज़िन्दगी के पड़ाव!

    विभिन्न आयु के छात्रो का सबसे अच्छा सामूहिक उदाहरण:

    पहली से तीसरी कक्षा तक: मुझे तो पूरा पर्चा आता था।

    चौथी से छटी कक्षा तक: यार 8 नंबर वाला प्रश्न तो बहुत मुश्किल था मैंने सिर्फ उसे ही छोड़ा है।

    सातवी से दसवी कक्षा तक: मैंने तो सिर्फ मुख्य ही प्रश्न किये हैं।

    ग्यारवी कक्षा में: मुझे लगता है पास होने के लिए चार पाठ पढ़ना बहुत है।

    बाहरवीं कक्षा: कल पेपर कौन सा है यार।

    और कॉलेज के दिनों में: सालों बता तो देते आज पेपर है, मैं तो पेन भी नहीं लाया।
  • थप्पड़ की कहानी!

    एक बस के पुरुष यात्री पर एक महिला यात्री को थप्पड़ मारने का मुकदमा चल रहा था!

    जज: तुमने इसे थप्पड़ क्यों मारा?

    यात्री: यह महिला मेरे बगल में बैठी थी! कंडक्टर टिकट के लिये आया तो उसनें बड़ा पर्स खोला, उसमें से मझला पर्स निकाला, बड़ा पर्स बंद किया, मझला पर्स खोला, इसमें से छोटा पर्स निकाला और मझला पर्स बंद किया!
    इतने में कंडक्टर आगे निकल गया! फ़िर इसने मझला पर्स खोला, उसमें छोटा पर्स रखा, मझला पर्स बंद किया, बड़ा पर्स खोला, उसमें मझला पर्स रखा, बड़ा पर्स बंद किया!
    इतने में कंडक्टर फ़िर आया! महिला ने बड़ा पर्स खोला...

    जज (खीझ कर): क्या बड़ा पर्स, मझला पर्स, छोटा पर्स लगा रखा है?

    यात्री: जज साहब आप तो सुन रहें हैं, मैं तो देख रहा था!