संबित पात्रा: मोदी जी ने पाकिस्तान पर हमला कर 350 आतंकी मार दिये! राजीव तयागी: तो इसमें कौन सी बड़ी बात है, मनमोहन सिंह ने तो पाकिस्तान में घुसकर हमला करके 1 लाख आतंकवादी मार दिये थे। संबित पात्रा: हमने तो ना सुना ना देखा! राजीव तयागी: क्योंकि वो मोदी की तरह बोलते नहीं थे ना! संबित पात्रा: सुबूत क्या है? राजीव: ये लो, सेना की कार्यवाही पर अब तुम्हें सुबूत चाहिए, गद्दार, देशद्रोही, पाकिस्तानी हो तुम! संबित पात्रा: ये क्या बकवास कर रहे हो? राजीव तयागी: शुरू किसने किया? |
चाणक्य से जब ये प्रश्न पूछा गया कि - आप भी तो योग्य हैं, फिर चंद्रगुप्त को राजा क्यों बनाना चाहते हैं? चाणक्य ने कहा, "राजा सामाजिक जीवन जीने वाला, पत्नी, पुत्र व पुत्रियों से सम्पन्न, समृद्धशाली व्यक्ति ही होना चाहिये, जिससे वो हर रिश्ते के दुःख को समझ सके और जनता से सही व्यवहार कर सके। इसलिए मैं सन्यासी होने के कारण इस पद हेतु सर्वदा अनुचित हूं। जिस राजा का परिवार ही नहीं वो देश के लोगों की मुश्किलें क्या समझेगा।" यही कारण है कि 3 साल से भारत के लोग इसी दौर से गुजर रहे हैं। |
महिला रक्षा मंत्री बनने के बाद भविष्य में होने वाले रक्षा सौदों के संवाद... "इस टैंक में दूसरी डिजाइन है क्या?" "यह गोला इस तोप के साथ मैच नहीं हो रहा है।" "इस राईफल में लटकन नहीं लगाओगे?" "इतने सारे गोले लिए हैं, थोड़े कारतूस फ्री नहीं दोगे?" "थोड़ा बाजिब लगाईये भाईसाब।" "रुस वाले तो आप से कम भाव में दे रहे हैं।" "हमेशा आपके यहाँ से ही लेते हैं।" "पिछली बार कैसे गोले दिये थे, एक भी नहीं फूटा।" "जो भी हो, बदलना तो पड़ेंगे ही।" "इस राईफल को धोने के बाद जंग तो नहीं लगेगी?" "अभी नहीं लेना, बस टैंक ही देखना था।" "ये मना कर रहे हैं, राईफल वापिस ले लो।" "टैंक का कलर तो नहीं जायेगा?" |
नेता का बेटा अपने पिता से बोला, "पापा मुझे भी राजनीति में आना हैं, मुझे कुछ टिप्स दो।" नेता: बेटा, राजनीति के तीन कठोर नियम होते हैं। "चलो पहला नियम समझाता हूँ", यह कहकर नेता जी ने बेटे को छत पर भेज दिया और ख़ुद नीचे आकर खड़े हो गए। नेता जी: छत से नीचे कूद जाओ। बेटा" पापा, इतनी ऊंचाई से कुदूंगा तो हाथ पैर टूट जायेंगे। नेता जी: बेझिझक कूद जा, मैं हूँ ना, पकड़ लूँगा। लड़के ने हिम्मत की और कूद गया, पर नेताजी नीचे से हट गए। बेटा धड़ाम से ओंधे मुंह गिरा और कराहते हुए बोला, "आपने तो कहा था मुझे पकड़ोगे, फिर हट क्यों गए?" नेता जी: ये हैं पहला सबक "राजनीति में अपने बाप का भी भरोसा मत करो।" |