एक बार एक पुजारी और वकील मर गए और दोनों स्वर्ग के दरवाजे पर खड़े हो गए, यमदूत ने उन दोनों को अन्दर भेजा और दोनों अन्दर चले गए।
अन्दर एक और यमदूत खड़ा था जो उन दोनों को उनके कक्ष तक ले गया। पहले पुजारी को उसके कक्ष तक छोड़ा जो एक छोटा सा कमरा था जिसमें एक बिस्तर और छोटा सा डैस्क लगा था पुजारी ने यमदूत को धन्यवाद कहा और यमदूत वकील को लेकर उसके कक्ष कि तरफ चल पड़ा। जब वो दूसरे कक्ष के पास पहुँचा तो ये एक बहुत बड़ा कमरा था जिसमे डबल बेड, एक बड़ी अलमारी, किताबों से भरा हुआ रैक और एक सुन्दर औरत और भी बाकि सभी प्रकार की सुविधाओं से वो कमरा भरा हुआ था। वकील ने कहा कि मुझे यह समझ नहीं आया कि आपने पुजारी को एक छोटा सा कमरा दिया और मुझे सारी सुविधाओं से भरा ये इतना बड़ा कमरा? इस पर यमदूत बोला,"साहब हमारे पास यहाँ स्वर्ग में बहुत से पुजारी है पर वकील आप पहले हैं इसलिए।" |
एक बार कचहरी में एक गवाह बहुत लम्बे लम्बे बयान दे रहा था जिस कारण सरकारी वकील नाराज हो गया और गवाह से बोला, "इतना अधिक बोलने की जरूरत नहीं है। तुमसे जो पूछा जाये उसका जवाब केवल हाँ या ना में ही दो।" गवाह: लेकिन हुजूर हर सवाल का जवाब हाँ या ना में नहीं दिया जा सकता। वकील: क्यों नहीं दिया जा सकता, बिलकुल दिया जा सकता है। तुम मुझसे कोई भी सवाल पूछो मैं केवल हाँ या ना में जवाब देकर दिखाता हूँ। गवाह: तो ठीक है हुजूर आपकी ज़िद्द पर मैं आपसे एक सवाल पूछता हूँ। आप सिर्फ हाँ या ना में ही जवाब दीजियेगा। वकील: ठीक है पूछो। गवाह: अच्छा बताइये कि आपकी बीवी ने आपको पीटना छोड़ दिया या नहीं? बेचारे वकील बाबू अब तक कोमा में हैं। |
वैलेंटाइन डे के पहले दिन गिफ्ट शॉप पर वकील साहब मिल गए। वो 40 कार्ड ले रहे थे। सब पर उन्होंने भेजने वाले की जगह लिखा - `तुम्हारी जान !! पहचान गए ना? शाम को मिलो। लव यू।` पूछने पर बताया - पिछले वैलेंटाइन डे पर आस पास की कालोनी में ऐसे ही 20 कार्ड भेजे थे। कुछ ही दिन में तलाक के चार केस मिल गए थे। इस बार 40 कार्ड भेज रहा हूँ। धन्धे में सब जायज है। |
वो एक्सप्रेस ट्रेन करीब करीब खाली ही थी। वकील साहब जिस ऐसी 3 कोच में बैठे थे उसमें भी बहुत कम यात्री थे और उनके वाले पोर्शन में उनके अलावा दूसरा कोई पैसेंजर नहीं था। तभी एक महिला कोच में उनके वाले पोर्शन में आई और वकील साहब से बोली, "मिस्टर, तुम्हारे पास जो भी मालपानी रुपया, पैसा, सोना, घड़ी, मोबाइल है सब मुझे सौंप दो नहीं तो मैं चिल्लाऊँगी कि, तुमने मेरे साथ छेड़ छाड़ की है।" वकील साहब ने शांति से अपने ब्रीफकेस से एक कागज निकाला और उस पर लिखा, "मैं मूक बधिर हूँ, ना बोल सकता हूँ और ना ही सुन सकता हूँ। तुम्हें जो कुछ कहना है, इस कागज पर लिख दो।" महिला ने जो भी कहा था वो उसी कागज पर लिख कर दे दिया। वकील साहब ने उस कागज को मोड़कर हिफाजत से अपनी जेब में रखा और बोले, "हाँ, अब चिल्लाओ कि, मैंने तुम्हारे साथ छेड़ छाड़ की है। अब मेरे पास तुम्हारा लिखित बयान है।" यह सुनते ही महिला वहाँ से यूँ भागी जैसे उसने भूत देख लिया हो। |