एक दिन एक छोटा सा बच्चा अपनी छोटी सी गाड़ी घसीटता हुआ चर्च से गुज़र रहा था। उपदेशक वहीं पर बाहर बैठे हुए थे, तभी गाड़ी का एक पहिया खुलकर गिर गया। “हे भगवान!” लड़का चिल्लाया, उपदेशक ने कहा, बेटे, ऐसा नहीं कहते, कहो ‘भगवान की इच्छा! लड़के ने पहिया वापिस लगाया और घर चला गया! अगले दिन, छोटा बच्चा फिर से उस चर्च के पास से गुज़र रहा था और उपदेशक भी बाहर थे इस बार दो पहिये खुल गए और लड़का फिर से चिल्लाया, हे भगवान! उपदेशक ने फिर कहा, बेटे, ऐसा नहीं कहते, कहो ‘भगवान की इच्छा' लड़के ने पहिया ठीक किया और घर चला गया! अगले दिन, बच्चा फिर से चर्च के पास से गुज़रा, उपदेशक इस बार भी बाहर खड़े थे! उसकी गाड़ी के तीन पहिये खुल कर गिर गए और लड़का फिर चिल्ला पड़ा, 'हे भगवान!' उपदेशक ने फिर से कहा, बेटे ऐसा नहीं कहते, कहो ‘भगवान की इच्छा!' लड़का तीनों पहिये गाड़ी में लगाता है और वापस घर चला जाता है! चौथे दिन भी लड़का चर्च के पास से गुज़र रहा था उपदेशक बाहर खड़े थे, और इस बार गाड़ी के चारों पहिये खुल कर गिर जाते हैं, लड़का गाड़ी को देखकर कहता है, भगवान की इच्छा! अचानक चारों पहिये उछलकर गाड़ी में लग जाते हैं और उपदेशक कहता है, हे भगवान! |
एक दंपत्ति की शादी को कई साल हो गए पर उनके कोई बच्चा नहीं हुआ डॉक्टरों की मदद ली पर व्यर्थ,पर उन्हें भगवान पर भरोसा था,
आखिरकार वे ईश्वर की मदद लेने के लिए एक साधु के पास पहुंचे, साधु ने कहा बेटे, तुम बहुत ही सही समय पर आए हो, मैं कुछ सालों के लिए तपस्या करने
हिमालय पर्वत जा रहा हूं उस तपस्या के दौरान मैं एक दीप प्रज्वलित करूंगा जिससे तुम्हें अवश्य ही संतान प्राप्त होगी! पंद्रह वर्ष बाद जब वो साधु महाराज लौटे तो सबसे पहले यह जानने की इच्छा हुई कि उस दंपति के कोई संतान हुई या नहीं अगले ही दिन वे उन दंपत्ति के घर पहुंचे! जैसे ही दरवाजा खुला तो साधु ने देखा कि लगभग एक दर्जन बच्चे आंगन में धमाल मचाये खेल कूद रहे हैं और हैरान परेशान सी पत्नी उनके बीच खड़ी हुई है! साधु ने पूछा: क्या ये सब तुम्हारे ही बच्चे हैं? महिला ने कहा जी हां! साधु: प्रभु का बहुत धन्यवाद! मेरी तपस्या सफल हुई! अच्छा यह बताओ, तुम्हारे पति दिखाई नहीं दे रहे, कहां गए हैं? महिला: हिमालय पर्वत! साधु: हिमालय पर्वत! क्यों? महिला: जो दीपक आपने जलाया था, उसे बुझाने के लिए….. |
एक आदमी था जो एक नदी के किनारे एक छोटे से घर में रहता था वह बहुत ही धार्मिक प्रवृति का आदमी था,
उसे भगवान पर बहुत विश्वास था! एक दिन उस नदी में बाढ़ आ गयी वह आदमी घर समेत बह गया काफी दूर बहने के बाद उसने बचने का प्रयास किया! वह सीधे घर कि छत पर चढ़ गया तो देखा पानी काफी भर चुका है! तभी दूर से एक काफी बड़ी नाव में कुछ लोग आये और कहने लगे कि उनके साथ नाव में आ जाये पर वो आदमी कहने लगा कि नहीं मुझे बचाने तो भगवान आयेंगे! ऐसा सुनकर वो नाव वाले वहां से चले गए! पानी का स्तर बढ़ ही रहा था उस आदमी का घर पूरा डूबने वाला था तभी एक और नाव वाला वहां से आया और उसे कहा कि उसके साथ चल पड़े पर वो आदमी कहने लगा कोई बात नहीं तुम जाओ मुझे बचाने तो भगवान आयेंगे! तब वो नाव वाला भी वहां से चला गया! अब उस आदमी का पूरा घर डूबने वाला था तभी उसे सामने एक पेड़ नजर आया उसने पेड़ को पकड़ लिया थोड़ी देर बाद पानी का स्तर और बढ़ गया वह आदमी पेड़ पर बैठ कर भगवान को याद कर रहा था! तभी एक हेलीकाफ्टर आया और उसमें से एक सीढ़ी उस आदमी कि तरफ फेंक दी और कहा कि उसे पकड़ कर उस पर चढ़ जाये पर उस आदमी ने कहा कि कोई बात नहीं मैं ठीक हूँ! हेलीकाफ्टर वाले ने फिर कहा कि जल्दी आ जाओ, तो वो आदमी कहने लगा कि तुम जाओ मुझे बचाने तो भगवान आयेंगे! ऐसा सुनकर हेलिकाफ्टर वाला भी वहां से चला गया! आखिरकार वो आदमी पानी के बढ़ जाने से डूब गया और मर गया मरने के बाद स्वर्ग में भगवान के सामने पहुँच गया और बड़े गुस्से में भगवान से कहने लगा तुमने मुझे कहा था कि तुम मुझे हर मुसीबत से बचाओगे पर तुम ने मुझे डूबने दिया! तो भगवान ने कहा कि पहले मैंने तुम्हें बचाने के लिए एक नाव भेजी फिर दूसरी नाव भेजी और बाद में हेलीकाफ्टर भी भेजा इससे ज्यादा तुम और क्या चाहते थे! |
तीन महिलाओं कि एक दुर्घटना में एक साथ मौत हो जाती है और वे मरने के बाद स्वर्ग पहुँच जाती है! सेंट पीटर उनसे कहता है कि हमारे स्वर्ग का एक नियम है कि यहाँ जो बतखें आप को नजर आ रही है इनके ऊपर अपना पांव मत रखना! ये सुनकर उन्होंने स्वर्ग में प्रवेश किया जैसे ही वे अंदर गयी उन्होंने देखा कि अन्दर तो हर जगह पर बतखें ही बतखें है यह बहुत मुश्किल था कि बतखों पर बिना पाँव रखे चला जा सके फिर भी उन्होंने बच बच कर चलने की कोशिश की कुछ देर बाद न चाहते हुए भी एक बतख एक महिला के पाँव के नीचे आ गयी! तभी सेंट पीटर एक बहुत ही कुरूप आदमी को साथ में लेकर आया उस महिला ने ऐसा कुरूप आदमी कभी नहीं देखा था सेंट पीटर ने उन दोनों को एक जंजीर में बाँध दिया और कहा बतख के ऊपर पाँव रखने की तुम्हारी ये सजा है कि आज के बाद अनंतकाल तक तुम इस कुरूप आदमी के साथ इस जंजीर में बंधी रहोगी! अगले दिन अनजाने में दूसरी महिला का पाँव बतख के ऊपर चला गया तभी सेंट पीटर आ गया उसके साथ एक और बहुत ही कुरूप आदमी था उन्हें भी जंजीर से बांधा और वही सजा दी जो पहली महिला को दी थी! तीसरी महिला ये सब बहुत गौर से देख रही थी और सोच रही थी कि कहीं उसको भी ऐसे कुरूप आदमी के साथ न जाना पड़े इसलिए संभल संभल कर अपने पावं रख रही थी! उसने इसी तरह बिना बतख पर पावं रखे एक महिना निकाल दिया पर एक दिन सेंट पीटर एक बहुत ही खूबसूरत आदमी के साथ आया उस महिला ने पहली बार इतना खूबसूरत आदमी देखा हृष्ट-पुष्ट लम्बी चौड़ी कद काठी! सेंट पीटर ने उन दोनों को बिना कुछ कहे जंजीर में बांधा, और वो महिला कहने लगी मुझे हैरानी है कि क्या मैं अनंतकाल तक तुम्हारे साथ जंजीर में बंधे रहने के योग्य हूँ! वो आदमी कहने लगा मैं तुम्हारे बारे मैं तो नहीं जानता पर मैंने बतख पर पाँव रख दिया था! |