एक आदमी एक बार में गया और उसने एक जिन और सोडा मंगवाया उसने इसमें से आधा पिया और बाकि बार वाले के ऊपर गिरा दिया! बार वाले को काफी गुस्सा आया उसने उस शराबी को कॉलर से पकड़ा और खींच कर उसे अपने सामने लाया और पूछा, तुमने ऐसा क्यों किया? शराबी ने माफ़ी मांगते हुए कहा मुझे माफ़ कर दीजिये सर मैं माफ़ी मांगता हूँ, मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता, ये एक बीमारी है जिससे मुझे छुटकारा नहीं मिल रहा है मैं बहुत शर्मिंदा हूँ! बार वाले ने कहा क्या तुम्हें कोई और नजर नहीं आया इस समस्या के लिए! शराबी ने कहा मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा था की ये मैं आप पर फेकूंगा! बार वाले ने कहा जाओ अब तब तक मत आना जब तक तुम अपना इलाज न करवा लो और वो शराबी वहां से चला गया! लगभग तीन महीने बाद वापिस उसी बार मैं आया और जिन और सोडा लाने को कहा, शराबी ने इसे आधा पी लिया और बाकि बार वाले पर फेंक दिया! बार वाला जोर से चिल्लाया, मुझे याद है मैंने तुम्हें कहा था कि जब तक अपना इलाज न करवा लो तब तक यहाँ नहीं आना! शराबी ने कहा, मुझे याद है, पर अब मुझे शर्म नहीं आती! |
पहले मैं बहुत परेशान रहता था हमेशा सोता रहता था। मुझसे कोई काम नही हो पाता था। घर वालों के ताने सुनकर रो दिया करता था। फिर मैंने इस नए प्रोडक्ट के बारे में सुना, जिसका नाम है 'दारू'। यह सच में बहुत लाजवाब है। अब मैं अपनी नींद केवल 3-4 घंटे में ही पूरी कर लेता हूँ और हर तरह का काम कर लेता हूँ। दुनिया भर के ताने और गलियाँ हँसते-हँसते सह लेता हूँ। कितनी भी मुसीबत आए हमेशा खुश रहता हूँ। दुःख सुख की फिक्र से ऊपर उठ गया हूँ। नरक और स्वर्ग यहीं है इसका भेद समझ गया हूँ। मुझे अपने दुश्मनों से भी प्यार हो गया है। सच में दारू असरदार है। इसलिए दारू का क्वार्टर हमेशा अपने पास रखो और जब भी तुम्हें किसी प्रकार की कोई घबराहट हो तो अपनी दारू पी लो। तुम ज़रूर कामयाब हो जाओगे। क्योंकि अगर तुम दारू को सह सकते हो तो कुछ भी कर सकते हो। इसलिए आज ही दारू का सेवन शुरू करें और मुझे बुलाना मत भूलें। |
एक बार एक शराबी रात के 12 बजे शराब की दुकान के मालिक को फ़ोन करता है और कहता है, "तेरी दुकान कब खुलेगी?" दुकानदार: सुबह 9 बजे। शराबी फिर थोड़ी देर बाद दोबारा दुकानदार को फ़ोन करके पूछता है, "तेरी दुकान कब खुलेगी?" दुकानदार: कहा ना सुबह 9 बजे। कुछ देर बाद शराबी फिर से दुकानदार को फ़ोन कर देता है और पूछता है,"भाई साहब आपकी दुकान कब खुलेगी?" दुकानदार: अबे तुम्हें कितनी बार बताऊँ सुबह 9 बजे खुलेगी इसीलिए सुबह 9 बजे आना और जो भी चाहिए हो ले जाना। शराबी: अबे, मैं तेरी दुकान के अन्दर से ही बोल रहा हूँ। दुकानदार जल्दी से दुकान पर गया और दुकान खोल कर चेक करने लगा। तभी पीछे से शराबी अाया और बोला, "चलो अब दुकान खोल ही ली है तो एक बोतल व्हिस्की की ही दे दो।" |
रविवार को बीयर पंचमी है। जब सूर्य वृषभ राशि में रहता है आैर गर्मी अपनी पूर्ण यौवन पर होती है ताे हर साल यह पर्व बड़े हीं उल्लास के साथ मनाया जाता है। इसे कहीं-कहीं "बीयर तीज" भी कहा जाता है। इसका शुभ मुहूर्त संध्या 6 बजे से रात 12 बजे तक है। इस दिन घर पर या दोस्तों की महफ़िल में बीयर पीने-पिलाने से साल भर बीवी से किच-किच नहीं होती है। जो जातक बीयर नहीं पीते फिर भी पत्नी की रोज की किच-किच से परेशान रहते हैं, उन्हें शुभ मुहूर्त में 9 बीयर चढ़ाकर दोस्तों को पिला कर मात्र चखना से पूर्ण पुण्य मिलता है। नोट: बीयर पिलाने में जात धर्म का कोई बंधन नही रहता। बीयर पंचमी मनाने की विधि: 1. संध्या काल स्नान आदि के बाद हलके वस्त्रो में A.C. चला कर बैठें। 2. समयानुसार पृष्ठभूमि में "मुन्नी बदनाम हुई" जैसे भजन की सीडी लगा लें। 3. बीयर को फ्रिज से निकाल कर टेबल पर सजा लें। 4. प्रसाद के लिए कुछ नमकीन, फ्राई काजू, दालमोठ इत्यादि का प्रबंध करें। 5. पूर्वी और दक्षिण भारत में फ्राई की हुई मछली से भी प्रसाद चढ़ाया जाता है। कुछ न होने पर भूँजा अथवा सादा पापड़ भून कर प्रसाद चढ़ायें। 6. बीयर को गिलास में डालें पर ध्यान रहे कि बीयर का झाग टेबल पर न गिरे। टेबल पत्नी को साफ़ करनी है, और आज के दिन पत्नी की अप्रसन्नता पूर्णत: वर्जित है। 7. श्रद्धानुसार आैर क्षमतानुसार एक, दो, तीन, चार, पाँच... बीयर के गिलास पीते जाएँ। तब तक पीयें, जब तक पत्नी का चेहरा लाल न हो जाये। |