संता और बंता एक रोज आलस के मारे एक कमरे में लेटे हुए थे। बंता: यार जरा बाहर जाकर तो देख, बारिश हो रही है क्या? संता: हाँ, बारिश हो रही है। बंता: बिना देखे ही तू कैसे कह सकता है? संता: अभी-अभी जो बिल्ली अंदर आई थी वो भीगी हुई थी, इसका मतलब बारिश हो रही है। थोड़ी देर बाद बंता फिर बोला, "जरा बत्ती तो बुझा दे यार, मुझे रौशनी में नींद नहीं आती।" संता: आंखें बंद कर लो अपने-आप अंधेरा हो जायेगा। बंता झल्लाकर बोला, "कम से कम दरवाजा तो बंद कर ले।" संता: अब दो काम मैंने कर दिए, एक-आध काम तू खुद भी कर ले। |
संता और बंता एक बार शराब पीने के लिए एक ठेके पर गए। संता: क्या पियेगा आज बता? बंता: जो तू बोले मेरे यार। संता: चल टॉस कर लेते हैं। संता ने सिक्का उछाला और बोला,"देख भाई हेड आया तो स्कॉच और टेल आया तो विस्की, ऊपर हवा में रह गया तो रम और नीचे गिरा तो आज से दारु पीना हमेशा के लिए बंद।" |
एक बार एक नेता ने संता के बच्चे को पेड़ से गिरने से बचाया। संता ने उसे मर्सीडीज गिफ्ट की। एक दिन संता का ऐक्सिडेंट हो गया और नेता ने उसे खून दिया। इस बार संता ने उसे तिल वाले लड्डू दिए। नेता (गुस्से से): इस बार मर्सीडीज क्यों नहीं दी? संता: अब मेरी रगों में भी नेता का खून दौड़ रहा है। |
संता सुहाग रात अपनी पत्नी को बड़े प्यार से समझा रहा था। संता: सबसे प्यार से रहना, सबकी इज्ज़त करना, उनका विश्वास जीतना, उनका ध्यान रखना और हमेशा सच बोलना। संता की बात सुन दुल्हन फ़टाफ़ट बिस्तर से उठी और कमरे का दरवाज़ा खोल कर चिल्ला कर बोली, "सब फ़टाफ़ट अन्दर आ जाओ यहाँ बाबा जी का सत्संग हो रहा है।" |