गुदगुदी Adult and Non Veg Hindi Jokes

  • गोली का खेल!

    एक आदमी नाई की दुकान पर दाढ़ी बनवाने गया। जब नाई उसके चेहरे पर ब्रश से बढ़िया क्रीम से उतना ही बढ़िया झाग बना रहा था तो उस आदमी ने अपने चेहरे के पिचके गालों की ओर इशारा करते हुए बोला, "मेरे गालों के इस गड्ढे के कारण दाढ़ी बढ़िया नहीं बन पाती और कुछ बाल छूट जाते हैं।"

    आगे से नाई बोला, "कोई बात नहीं, मेरे पास इसका इलाज है।" उसने पास के दराज में से लकड़ी की एक छोटी से गोली निकाली और उसे देते हुए बोला, "इसे अपने मुँह में मसूड़ों और गाल के बीच रख लो।"

    उस आदमी ने वह गोली मुँह में रख ली जिससे उसका गाल फूल गया और नाई ने उसकी अब तक की सबसे शानदार, सबसे बढ़िया दाढ़ी बनाई।

    गोली उसके मुह में ही फंसी हुई थी, इसलिए उस आदमी ने कठिनाई से बोलते हुए पूछा, "यदि यह गोली गलती से उसके पेट में चली जाए तो?"

    नाई बोला, "कोई बात नहीं। कल लेते आना, जैसे कि बहुत से लोग अब तक लेते आए हैं।"
  • कुछ तो समझा करो!

    दो मित्र आपस में बातें कर रहे थे।

    एक काफी उत्तेजित था और कह रहा था, "अब मैं अपनी पत्नी को तलाक दे ही दूंगा।"

    दूसरा मित्र: क्या बात हो गई?

    पहला मित्र: उसने मुझे बेवकूफ कहा है।

    दूसरा मित्र: तो तुमने कोई बेवकूफी की होगी?

    पहला मित्र: नहीं यार!

    दूसरा मित्र: फिर?

    दूसरा मित्र: कल रात जब मैं घर पहुंचा तो मैंने उसे किसी दूसरे आदमी की बाहों में देखा। जब मैंने उससे इसका मतलब पूछा तो उसने बिगड़कर कहा, "बेवकूफ कहीं के! तुम्हें तो इसका मतलब भी नहीं पता।"
  • बुरा मान गयी!

    हम ने जुर्रत जो दिखाई तो बुरा मान गयी;
    हद हर एक मिटाई तो बुरा मान गयी;
    खुद ही कहती थी कोई तालुक ना रखो;
    कोई दूसरी फंसाई तो बुरा मान गयी;
    खुद ही कहती थी कि छू कर मुझे सोना कर दो;
    हमने मम्मे दबाये तो बुरा मान गयी;
    कहती थी हमें कि लॉलीपॉप पसंद है;
    हमने लुल्ली जो दिखाई तो बुरा मान गयी;
    ठोकने के लिए उसको हमने खटिया बिछा दी;
    बस इसी बात का बुरा मान गयी;
    खुद ही बोली कि कली से फूल मुझे बना दो;
    हमने जब कर दी चुदाई तो बुरा मान गयी!;
  • आदतें कहाँ बदलती हैं!

    एक बार एक बेचारा लड़का बहुत ही परेशान था क्योंकि उस बेचारे का खड़ा नहीं होता था। जिस वजह से काफी मायूस रहता था। एक दिन वो अपनी परेशानी से तंग आकर डॉक्टर के पास चला गया। डॉक्टर ने उसका मुआयना किया। मुआयना करने के बाद डॉक्टर ने उसे बताया कि तुम्हारे औज़ार के आस-पास की नसें कमज़ोर हो गयी हैं जिस वजह से यह खड़ा नहीं हो पाता।

    यह सुन कर लड़का बहुत उदास हो गया।

    उसकी उदासी को देख कर डॉक्टर ने उसे कहा कि तुम्हारी समस्या को दूर करने के लिए हम एक कोशिश कर सकते हैं?

    लड़के ने तुरंत पूछा, "क्या करना होगा?"

    डॉक्टर: हम तुम्हारे औज़ार में हाथी की सूंढ़ की कुछ नसें लगा देते हैं पर इस बात की कोई गरंटी नहीं कि यह कोशिश कामयाब रहे।

    लड़के ने थोड़ी देर सोचा कि उसके पास खोने के लिए तो कुछ नहीं है तो यह कोशिश कर सकते हैं।

    लड़के ने हाथी की सूंढ़ की नसें लगवाने के लिए हामी भर दी।

    डॉक्टर ने उसका ऑपरेशन किया और लड़का वहां से चला गया।

    कुछ दिनों बाद लड़का अपनी गर्लफ्रेंड को लेकर रेस्टोरेंट में गया और मन ही मन अपनी गर्लफ्रेंड को चोदने के बारे में सोचने लगा। सोचते-सोचते लड़के का खड़ा हो गया और बड़ा होने लगा इतना बड़ा की लड़के को अपनी पैंट की ज़िप खोलनी पड़ी। जैसे ही लड़के ने ज़िप खोली तो लड़के का औज़ार हाथी की सूंढ़ की तरह नीचे से टेबल के ऊपर आया और रोल उठा कर वापिस पैंट में चला गया।

    यह देख गर्लफ्रेंड खुश होकर बोली कि क्या तुम ऐसा दोबारा कर सकते हो?

    लड़का भारी सी आवाज़ में बोला, "हाँ शायद पर पता नहीं कि मैं दूसरा रोल अपनी गांड में ले पाउँगा या नहीं!"
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