एक मोटे आदमी ने न्यूज पेपर में विज्ञापन देखा। एक सप्ताह में 5 किलो वजन कम कीजिये। उसने उस विज्ञापन वाली कंपनी में फोन किया तो एक महिला ने जवाब दिया और कहा, "कल सुबह 6 बजे तैयार रहिए।" अगली सुबह उस मोटे ने दरवाजा खोला तो देखा कि एक बहुत खूबसूरत युवती जॉगिंग सूट और शूज पहने बाहर खड़ी है। युवती बोली, "मुझे पकड़ो और जो मन आये वो करो ये कहकर युवती दौड़ पड़ी।" मोटू भी उसके पीछे दौड़ा मगर उसे पकड़ नहीं पाया। उस पूरे हफ्ते रोज मोटू ने उसे पकड़ने का प्रयास किया लेकिन युवती को न पकड़ पाया। पर उसका 5 किलो वजन कम हो गया। फिर मोटू ने 10 किलो वजन कम करने वाले प्रोग्राम की बात की। अगली सुबह 6 बजे उसने दरवाजा खोला तो देखा कि पहले वाली से भी शानदार युवती जॉगिंग सूट और शूज में खड़ी है। युवती बोली, "मुझे पकड़ो और जो मन मे आये करो।" इस हफ्ते मोटू का 10 किलो वजन घट गया। मोटू ने सोचा कि वाह क्या बढ़िया प्रोग्राम है। क्यों ना 25 किलो वजन कम करने वाला प्रोग्राम आजमाया जाए। उसने 25 किलो घटाने वाले प्रोग्राम के लिए फोन किया। तो महिला ने जवाब दिया और कहा कि क्या आपका इरादा पक्का है? क्योंकि ये प्रोग्राम थोड़ा कठिन है। मोटू बोला: हाँ। अगली सुबह 6 बजे मोटू ने दरवाजा खोला तो देखा कि दरवाजे पर जॉगिंग सूट और शूज पहने एक काला नीग्रो खड़ा था। नीग्रो बोला, "अगर मैंने तुम्हे पकड़ लिया तो मैं तुम्हारे साथ जो मन आये वो करूँगा।" |
हरियाणा मं तीन गाँम सै "करवाण", "मरवाण" अर बीच म "कुंवारी"। मरवाण गांम के स्कूल मं हिन्दी का एक भी टिचर नां अर कुंवारी के स्कूल मं दो हिन्दी की मैडम। एक दिन मरवाण गांम की पंचायत कुंवारी कै स्कूल मं आकै हैडमास्टर तै कहण लागै कै गुरू जी म्हारै स्कूल मं हिन्दी का टिचर ना है थारै स्कूल तै एक टिचर भेजो। हैडमास्टर जी नै एक मैडम नं बुलाके कहया कै मैडम जी आप कुछ दिन "मरवाण" जाओ। मैडम मरवाण जाण तै नाट गी। कुछ दिन पाछे करवाण गांम गी पंचायत आयी अर हैडमास्टर जी तै कहण लागै कै गुरू जी म्हारै स्कूल म हिन्दी का टिचर ना सै अर आपकै स्कूल मं दो दो हिन्दी टिचर सै एक टिचर की व्यवस्था करवावो। हैडमास्टर जी नै फेर मैडम बुलाई, दूसरी मैडम अपसैन्ट थी, वाही मैडम फेर फसगी। गुरू जी बोल्ये, "देखो मैडम "मरवाण" जाण तै तो आप नाटगी पर अब "करवाण" जाणा पड़गा। मैडम छोह मं आगी बोली, "यो ल्यो जी मेरा रैजींगलैशन लैटर मनै या नौकरी नही करणी।" गुरू जी बोल्या, "के बात मैडम?" मैडम बोली, "जी मनै थारा यो रोजगा पंगा कोन्या समझ मं आव मनै नौकरी नहीं करणी।" गुरूजी बोल्या, "देख मैडम "करवाण" तूं ना जांदी, "मरवाण" तूं नहीं जांदी पर "कुंवारी" तनै मैं भी ना छोडूं। |
गुप्ता जी के घर शर्मा जी आये। गुप्ता जी अपने बच्चों की पहचान कराने लगे। ये मेरी बेटी रानी।शादी से पहले हम मुंबई में 'रानी बाग़' में घूमा करते थे, उसकी याद में इसका नाम रानी रखा। शर्मा जी: वाह, प्यारी बिटिया है। गुप्ता जी: ये मेरा बेटा ताज। शादी के 5 साल बाद दूसरे हनीमून पे हम आगरा गए थे, उसकी याद में। शर्मा जी: बहुत खूब, बहुत सोच कर नाम रखा है आपने। गुप्ता जी: और ये मेरा छोटा बेटा कोहिनूर। शर्मा जी: क्या बात है! मतलब आप लंदन में कोहिनूर हीरा देख आये? गुप्ता जी: अरे नहीं! हम तो कंडोम इस्तेमाल कर रहे थे लेकिन इस ब्राण्ड ने धोखा दे दिया। |
पप्पू ने संता से पूछा, "पापा, संभावना और वास्तविक्ता में क्या फर्क है?" संता ने थोड़ी देर सोचकर कहा, "जा अपनी माँ से जाकर पूछ कि वो 1 करोड़ रुपयों के लिए सलमान खान के साथ सोएगी?" पप्पू ने माँ से पूछा, माँ ने कहा, "ज़रुर, वो 1 करोड़ हमारे बहुत काम आ सकते हैं।" फिर संता ने कहा, जा अपनी बहन से जाकर पूछ कि वो 1 करोड़ रुपयों के लिए ऋतिक रोशन के साथ सोएगी? बहन ने कहा, "ओह माई गॉड, ऋतिक रोशन मेरा फेवरेट है, ज़रूर।" फिर संता ने पप्पू से पूछा, "क्या तू 1 करोड़ रुपयों के लिए जॉन अब्राहम के साथ सोयेगा?" पप्पू: हाँ, क्योंकि 1 करोड़ बहुत ज्यादा होते हैं। यह सुनकर संता बोला, "देखा बेटा, अगर संभावना देखें तो हमारे घर में 3 करोड़ रूपये हैं, लेकिन अगर वास्तविकता देखें तो अपने घर में 2 गश्तियां और 1 गांडू है।" |