Adult and Non Veg Hindi Jokes

  • पठान की शानपट्टी!

    एक बार पठान बार में बैठा शराब पी रहा था। तभी वहाँ एक बहुत ही खूबसूरत सी लड़की आई। पठान चाह कर भी उससे नजर न हटा सका। यह देख लड़की सीधे पठान के पास आ गयी। इससे पहले कि पठान कुछ बोल पाता, लड़की बोली, "मैं 500 रुपये में कुछ भी करुँगी। जो तुम चाहो, बस एक शर्त है कि तुम्हें मुझे सिर्फ 6 शब्दों में बताना होगा कि मुझे क्या करना है।"

    पठान ने थोड़ी देर सोचा और फिर अपनी जेब में से 100-100 के पांच नोट निकाल कर लड़की के हाथ में रखे और बोला, "मेरे घर को पेंट कर दो।"
  • सोच अलग-अलग!

    एक बार रात को खाना खाते पप्पू ने संता से पूछा कि बूब्स कितने प्रकार के होते हैं?

    संता: बूब्स तीन प्रकार के होते हैं। 20 साल की उम्र में खरबूजे जैसे बिलकुल गोल और सख्त। 30-40 साल की उम्र में आम की तरह अच्छे पर लटके हुए और 50 साल की उम्र में प्याज़।

    पप्पू हैरानी से: प्याज़!

    संता: हाँ, प्याज़ तुम उन्हें देखते हो और वो तुम्हें रुला देते हैं।

    यह सुनकर पिंकी और जीतो को गुस्सा आ गया तो पिंकी ने जीतो से पूछा, "यह लंड कितने प्रकार के होते हैं?"

    जीतो: लंड भी तीन प्रकार के ही होते हैं। 20 साल की उम्र में सफेदे के पेड़ की तरह, बड़ा और सख्त। 30-40 साल की उम्र में पॉपुलर के पेड़ की तरह, लचीला पर अच्छा और 50 साल की उम्र के बाद क्रिसमस ट्री जैसा।

    पिंकी: क्रिसमस ट्री जैसा?

    जीतो: हाँ जो सिर्फ दिखावे के लिए है।
  • फिल्म का राज़!

    पप्पू जब एक दिन घर बहुत देर से पहुँचा तो जीतो ने डांटते हुए उससे पूछा, "तू इतनी रात तक कहाँ था?"

    पप्पू: माँ, वो मैं साथ वाले बंता अंकल के घर पर टी.वी. देख रहा था।

    जीतो: ओये झूठ मत बोल, उनके घर का दरवाज़ा तो रात को 8 बजे ही बंद हो जाता है फिर तू कैसे टी.वी. देख रहा था?

    पप्पू: मैंने तो उनकी खिड़की में से सारी फिल्म देखी। फिल्म में एक लड़की थी जो अपने कमरे में बैठी हुई थी, तभी हीरो आता है और उसका हाथ पकड़ लेता है और फिर उसको चूमना शुरू करता है और बेड पर लिटा लेता है।

    इतने में संता कमरे में आया और एक जोर का थप्पड़ पप्पू को मारा।

    जीतो: ओ जी, क्या हुआ, क्यों मारा आपने बच्चे को? फिल्म की कहानी ही तो बता रहा था।

    संता: नालायक, पता नहीं क्या-क्या देखता रहता है, बंता के घर तो टीवी ही नहीं है!
  • दोस्ती में दरार!

    शादी के बाद एक बार पठान का एक दोस्त उसके घर उस से मिलने आता है।

    पठान और उसकी बीवी की खातिरदारी देख कर दोस्त ने रात को वहीं रुकने का फैसला किया तो पठान ने उसका पलंग बाहर बरामदे में लगा दिया। यह देख दोस्त को बहुत बुरा लगा और उसने पठान से कहा, "तू खुद अन्दर आराम से सोयेगा और मुझे यहाँ बाहर सुला रहा है, लगता है दोस्ती में दरार आ गई है।"

    पठान: ओ यार, समझा कर, अब मेरी शादी हो गई है।

    पर दोस्त पठान की बात से संतुष्ट नहीं हुआ तो हार कर पठान ने उसका अपने कमरे में रखे सोफे पर सोने का बंदोबस्त कर दिया।

    आधी रात के करीब दोस्त उठा और पठान से बोला, "यार मुझे यहाँ सोफे पर भी नींद नहीं आ रही। मैं भी पलंग पर ही सोऊँगा।"

    पठान: यह कैसे हो सकता है? पलंग पर तो मैं अपनी पत्नी के साथ सो रहा हूँ।

    पर दोस्त फिर भी नहीं मानता और पठान से कहता है, "दोस्त तू बदल गया है, लगता है दोस्ती में दरार आ गई है।"

    दोस्त की यह बात सुन कर पठान को थोड़ा बुरा लगता है परंतु वह फिर भी उसे अपने साथ अपने पलंग पर अपनी दाईं ओर सुला लेता है और खुद उसके और अपनी पत्नी के बीच में सो जाता है।

    कुछ देर बाद दोस्त फिर उठता है और पठान से कहता है, "मुझे पलंग के किनारे पर नींद नहीं आ रही क्योंकि मुझे डर लग रहा है कि कहीं मैं गिर ना जाऊँ इसीलिए मैं तो बीच में सोऊँगा।"

    पठान: ऐसे कैसे हो सकता है दूसरी तरफ मेरी बीवी सो रही है, तू बीच में कैसे सो सकता है?

    दोस्त: मैं ना कहता था तू बदल गया है तुझे अब मुझ पर भरोसा ही नहीं रहा, देखा आ गई ना दोस्ती में दरार।

    पठान फिर उसकी बात मान लेता है और उसे अपने और अपनी पत्नी के बीच में सुला लेता है।

    अगले दिन सुबह जब दोस्त सो के उठा तो पठान से बोला, "यार तेरी बीवी तो बड़ी चालू है सारी रात मेरा लंड पकड़ कर सोती रही।"

    पठान: साले, वो मेरी बीवी नहीं, मैं था। मैं तेरा लंड पकड़ कर सो रहा था।

    दोस्त: ऐसा क्यों?

    पठान: क्योंकि अगर मैं ऐसा नहीं करता तो सच में दोस्ती में दरार आ जाती।
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