संता अपनी बीवी बहुत प्यार करता था। एक बार जब उसकी बीवी को प्रसव के लिए ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया तो उसके दर्द को देख कर संता डॉक्टर के पास गया और डॉक्टर से बोला, "डॉक्टर साहब मैं अपनी बीवी को तकलीफ में नहीं देख सकता इसीलिए मैं चाहता हूँ की आप कुछ ऐसा करें जिस से की जितनी तकलीफ मेरी बीवी को हो रही है उतनी ही मुझे भी हो। संता की बात सुन कर डॉक्टर कुछ देर के लिए सोच में पड़ गया। कुछ देर सोचने के बाद वह संता को अपने साथ ऑपरेशन थिएटर में ले गया और संता के टट्टे उसकी बीवी के हाथ में पकड़ा दिए। |
एक बार संता एक बार में जाता है और वहां बैठी एक महिला के साथ बैठ जाता है। कुछ देर बाद संता उस औरत से पूछता है, " अगर आप बुरा ना माने तो क्या मैं आपको अपनी ओर से एक जाम पिला सकता हूँ।" महिला: नहीं, धन्यवाद, दरअसल शराब मेरे पैरों के लिए ठीक नहीं है। संता: सुन कर बड़ा अफ़सोस हुआ, क्या शराब पीने की वजह से आपकी टाँगे भी सूज जाती हैं। महिला: नहीं चूतिये, दो पैग मेरे अन्दर जाने के बाद मेरी टाँगे खुल जाती हैं। |
एक बार संता के घर उसकी साली आयी तो संता ख़ुशी के मारे उछलता हुआ अपनी पत्नी के पास गया और बोला, "आज तुम्हारी छोटी बहन को अपने घर देख कर बहुत ख़ुशी हो रही है।" जीतो: जानती हूँ। संता सोचते हुए," जानती हो वो कैसे?" जीतो: दरअसल बात यह है की आपकी ख़ुशी आपके पजामे में से झलक रही है। |
एक बार संता को राह चलते एक चिराग मिला तो उसने सोचा की क्या पता इसमें कोई जिन्न हो जो उसकी मुराद पूरी कर दे। और यह सोच कर उसने चिराग को रगडा तो उसमे से सच में एक जिन्न निकल आया। जिन्न: हुकुम मेरे आका? संता: जिन्न कुछ ऐसा कर दो जिससे मेरा लंड ज़मीन को छूने लगे। जिन्न ने कहा, "जो हुकुम मेरे आका", और संता की दोनों टाँगे काट दी। |