एक बार संता की शादी होने वाली होती है, पर उसे पत्ता नहीं होता है की सुहागरात पर करते क्या हैं तो इसीलिए वह अपने दोस्त बंता के पास जानकारी लेने जाता है। बंता उसे काम-क्रीडा की सारी जानकारी देता है पर जब काफी देर तक संता को कुछ समझ नहीं आता है तो वह हार कर संता से कहता है," देख भाई संता, तुझे कुछ समझ तो आ नहीं रहा कि मैं क्या कह रहा हूँ तो तू अब एक काम करना कि जैसा-जैसा तेरी पत्नी करे तू भी बस वैसा ही करना"। बंता की राय मान कर संता चला जाता है। संता की शादी होती है तो वह सुहागरात पर अपने कमरे में जाता है, और जैसे-जैसे उसकी पत्नी करती है वैसे-वैसे ही करने लगता है। पहले संता की पत्नी अपना ब्लाउज उतारती है तो संता भी अपनी कमीज़ उतार देता है। फिर उसकी पत्नी अपनी पेंटी उतारती है तो वह भी अपना कच्छा उतार देता है। सारे कपडे उतारने के बाद जब संता की पत्नी झुक कर घोड़ी बन जाती है तो संता भी वैसा करता है। जब काफी देर उसकी बीवी उसके आगे कुछ नहीं करती तो संता झुके-झुके ही उससे पूछता है, " जानू अब क्या करना है?" पत्नी: बहन के लौड़े जा बाहर जा और दो आदमी ले आ एक अपने ऊपर चढ़ा ले और एक मेरे ऊपर चढ़ा दे। |
संता की शादी हुई और वो सुहागरात को अपनी बीवी की चूत में अपना लंड घुसाने की कोशिश कर रहा था। मगर लंड था की घुस ही नहीं रहा था, तो संता ने प्रीतो से पूछा, "इससे पहले किसी ने तुम्हारी ली नहीं क्या? जीतो: ली तो बहुतों ने है, लेकिन जब भी ली सबने चड्डी उतार के ली। |
संता, बंता पार्क में सैर कर रहे थे। एक प्रेमी जोड़े को प्यार करते देख बंता ने संता से पूछा," यार संता वासना, प्यार और शादी इन तीनों में क्या अंतर है?" संता: सिर्फ पैंटी का अंतर है। बंता: वो कैसे? संता: वासना में पैंटी को फाड़ते है, प्यार में उतारते है और शादी में धोते है। |
एक बार संता बड़े दुखी मन से अपने दोस्त बंता से बोला,"यार मैं एक परेशानी में हूँ।" बंता: क्या हुआ? संता: यार रात के समय मेरी बीवी मेरे नीचे के बाल खींचती रहती है। बंता: यार अगर तू कहे तो मैं तुझे एक तरीका बताता हूँ जिस से वो तेरे बाल कभी नहीं खींचेगी? संता: वो क्या? जल्दी बता भाई? बंता: जिस दिन वो तेरे बाल खींचे उस दिन दो बार आगे से, दो बार पीछे से, दो बार खडा कर के अच्छी तरह चुदाई कर वो अपने आप सुधर जायेगी। संता: अबे भोंसड़ी के ये सजा तू मेरी बीवी के लिए बता रहा है या मेरे लिए? |