एक बार संता एक लड़की के घर के चक्कर लगा रहा होता है की तभी लड़की अपने घर से बाहर निकल कर आ जाती है यह देख संता उस से कहता है, " क्या तुम मुझसे शादी करोगी?" लड़की: नहीं। संता: पर क्यों। लड़की: क्योंकि मैंने सोचा है कि मैं एक शायर से ही शादी करुँगी। यह सुन संता जवाब देता है, " अरे तो मैं भी तो शायर ही हूँ।" लड़की: मैं कैसे मान लूँ? अगर तुम सच में शायर हो तो कुछ सुनाओ। संता: इतनी हिम्मत करके आया हूँ तेरे दर आ करीब आ मेरी ज़िन्दगी सुधार दे; इतनी हिम्मत करके आया हूँ तेरे दर आ करीब आ मेरी ज़िन्दगी सुधार दे; चूत नहीं देनी तो कोई बात नहीं कम से कम मुट्ठ ही मार दे! संता की शायरी सुन कर लड़की का पारा सातवे आसमान पर पहुँच जाता है पर फिर भी वह कहती है," तुम्हारी शायरी सुन कर मेरा भी मन कर रहा है की मैं तुम्हारे प्रस्ताव का जवाब शायराना अंदाज़ में ही दूँ।" संता: हाँ हाँ क्यों नहीं। लड़की: तू मेरी गली से गुजरा तो तुझे चौबारा नज़र आया; तू मेरी गली से गुजरा तो तुझे चौबारा नज़र आया; गांड फाड़ दूंगी भोंसड़ी के जो दोबारा नज़र आया! |
बंता ने संता और उसकी बीवी को मार्किट जाते देखा तो शाम को संता को अकेला देख पूछा," "आज कल भाभी जी का लैफ्ट बूब काफी छोटा दिख रहा है, क्या बात सब ठीक तो है।" संता: क्या बताऊँ यार ये सब ट्रैफिक पुलिस की माँ चुदी है। बंता: ट्रैफिक पुलिस की गलती वो कैसे? संता: "अरे क्या बताऊँ यार इन बहनचोदों ने सीट बेल्ट लगवा-लगवा के लैफ्ट बूब की माँ ही चोद दी है।" |
एक बार अदालत में संता की पत्नी के बलात्कार का मुकदमा चल रहा होता है तो जज मुलजिम की तरफ इशारा करते हुए संता से पूछता है, " क्या आपको पक्का यकीन है कि जो आदमी सामने कटघरे में खडा है इसी ने आपकी पत्नी से बलात्कार किया है?" संता: जी जनाब यही है। जज: क्या आप मुझे वह जगह बता सकते हैं जहां आपकी पत्नी के साथ बलात्कार हुआ? संता अपनी पत्नी के पास जाता है और उसकी साडी उठा कर उसकी पेंटी उतार कर कहता है," यहाँ जज साहब यहाँ। |
एक बार संता हिमालय पर समाधि लगा कर बैठ जाता है और कई सालों तक अपने घर नहीं जाता। एक दिन उसे अस्पताल से फोन आता है तो दूसरी ओर से डॉक्टर उस से कहता है, " बधाई हो संता जी आपकी पत्नी माँ बनने वाली है।" यह सुन संता कुछ देर के लिए खामोश हो जाता है और कुछ नहीं बोलता। डॉक्टर फ़ोन पर ही पूछता है, "क्या हुआ संता जी क्या आप खुश नहीं हैं?" संता उदासी से बोला, "कुछ नहीं डॉक्टर साहब मैं तो बस यह सोच रहा हूँ ये गुप्त-दान कौन कर गया।" |