एक दिन संता बाजार से गुज़र रहा था कि उसने देखा कि लाला जी एक दम तैयार होकर बाहर बैठे हुए हैं। संता: क्या बात है लाला जी, आज बहुत चमक रहे हो कोई खास बात है क्या? लाला जी: बस क्या बताऊँ, कल बापू ने बड़े भाई की शादी कर दी। पहले बड़े ने मज़े किये, फिर मैंने और छोटा अभी तक मज़े ले रहा है। संता ने सोचा इनके तो खूब मज़े हैं और चला गया। कुछ दिन बाद फिर वही नज़ारा था। संता: लाला जी आज फिर चमक रहे हो कोई खास बात? लाला जी: बस क्या बताऊँ कल मेरी शादी हो गयी। पहले बड़े ने मज़े किये और फिर मैंने मज़े किये और छोटा तो अभी तक मज़े ले रहा है। संता ने सोचा कि इनके तो सच में मज़े हैं शादी एक की होती है मज़े तीनो करते हैं। कुछ दिन बाद जब संता दोबारा उस राह से गुज़रा तो उसने देखा कि लाला जी के कपडे फटे हुए हैं, बाल बिखरे हुए हैं। पूरी तरह से हालत खराब है। संता: क्या हुआ लाला जी, आज ऐसी हालत कैसे? लाला जी: क्या बताऊँ, कल बापू ने मेरी बहन की शादी एक पठान से कर दी। पहले उसने बड़े की ली, फिर मेरी ली और छोटे की तो अभी तक ले रहा है! |
संता व्यापार के लिए विदेश गया था, वहाँ भाग्य से उसकी होटल के एक बार में एक सुंदर युवती से जान-पहचान हो गई जो बात करती-करती उसके कमरे तक चली गई। एक पैग के बाद युवती उसकी गोद में आ बैठी। उसने प्यार से पुछा: क्या तुम मुझसे अलिंगन करना चाहोगे? संता: जरुर, यह कहकर युवती को लिपटा लिया। युवती: क्या तुम मुझे चूमना चाहोगे? संता: क्यों नहीं डार्लिंग। संता ने दो मिनट वाला चुंबन मारा। युवती: और अब संभल जाओ डियर, अब पैसों का सवाल आ रहा है। |
संता और बंता दोनों छुट्टियां मना कर वापिस लौट रहे थे। रास्ते में उनकी कार खराब हो गयी। काफी देर तक कोशिश करने के बाद भी कार स्टार्ट ना हो सकी तो उन्होंने वहाँ एक मकान का दरवाज़ा खटखटाया। एक सुन्दर सी लड़की ने दरवाज़ा खोला तो संता और बंता ने उससे शरण मांगी। लड़की ने उन्हें अपने घर में रात को ठहरा लिया। चार महीने बाद बंता को एक बड़ा सा मोटा कानूनी लिफाफा पोस्ट से मिला। बंता ने लिफाफा खोला और पढ़ने के बाद तुरंत संता को फ़ोन किया। बंता: क्यों भाई याद है तुम्हें जब हम छुट्टियां मनाने गए थे और रास्ते में हमारी कार ख़राब हो गयी थी, तब हम एक मकान में ठहरे थे। संता: हाँ-हाँ याद है मुझे। बंता: तो वहाँ तुमने उस लड़की के साथ कुछ किया था? संता: हाँ यार, वो कुछ अकेली महसूस कर रही थी बस इसलिए। बंता: और उसके पूछे जाने पर तुमने नाम और पता मेरा बता दिया था। संता: अरे बुरा मत मानो, मैंने तो बस मज़ाक किया था। बंता: मैं बुरा नहीं मान रहा। मैं तो तुम्हारा शुक्रिया अदा कर रहा हूँ, क्योंकि आज सुबह उसके वकील का मुझे एक ख़त मिला है। उस लड़की का पिछले हफ्ते देहांत हो गया है और उसने अपना वो मकान और सारी जायदाद मेरे नाम कर दी है। |
संता को अपने घर के छोटे से बगीचे में काम करने का बड़ा शौंक था। रोज़ दफ्तर से लौटने के बाद वह अपने छोटे से बगीचे में जुट जाता था। एक दिन संता रोज़ की तरह अपना शौंक पूरा कर रहा था तो घर के बाहर एक कार आ कर रुकी जिसमे से एक औरत ने उतर कर संता को पुकारा, "सुनो, तुम यहाँ क्या लेते हो? तुम मेरे साथ चलो मैं तुम्हें यहाँ से ज्यादा दूंगी।" संता: नहीं मैडम, आप नहीं दे पाओगी। इस घर की मालकिन रात को मुझे अपने साथ सोने देती है! |