एक रात बंता ने बहुत शराब पी ली उसे बहुत जोर से पेशाब लगा था। वह जल्दबाजी में शौचालय में गया उसने इधर-उधर कोई ध्यान नही दिया और सीधे अंदर घुस गया और खड़े होकर पेशाब करने लगा। जब वह पेशाब करके हटने लगा तो उसने देखा कि वह गलती से महिला शौचालय में घुस गया है और वहां एक महिला थी। महिला ने बंता से कहा,"यह महिलाओं के लिए है।" बंता ने अपने गुप्तांग को हिलाते हुए कहा,"मैडम ये कौनसा मसाले कूटने के लिए है, ये भी महिलाओं के लिए ही है।" |
संता: डॉक्टर साहेब मेरा खड़ा नहीं होता। डॉक्टर: शादीशुदा हो? संता: नहीं। डॉक्टर: कभी मुठ शुठ? संता: नहीं। डॉक्टर: कभी कोठे पर गए हो? संता: नहीं। डॉक्टर: कोई गर्लफ्रेंड हैं? संता: नहीं। डॉक्टर: कभी खुसरे के साथ? संता: नहीं। डॉक्टर: फिर खड़ा करके नए साल का कैलेंडर टांगना हैं क्या? |
एक बार संता, बंता के घर खाने पर गया तो खाना खाते संता के पास आकर बंता की पत्नी बोली," ये क्या भाई साहब आपने तो कुछ लिया ही नहीं," और यह कहते हुए उसने चिकन का एक लैग पीस संता की प्लेट में रख दिया। कुछ देर बाद फिर वैसा ही हुआ और बंता की पत्नी संता की प्लेट में एक और लैग पिस रख कर चली गयी। पार्टी ख़त्म होम के बाद बंता ने संता से पूछा, "तो भाई संता खातिरदारी में कोई कमी तो नहीं रही?" संता: यार वैसे तो हर चीज़ लाजवाब थी, पर आखिरी में जो भाभी जी ने लातें उठा-उठा के दी है उससे मज़ा दोगुना ही हो गया। |
संता अपने दोस्तों के साथ एक रात को बाहर चला गया। जीतो को बहुत गुस्सा आया और उसने अपने बच्चों से कहा,"जब पापा वापस आयें तो उनके लिए दरवाजा नहीं खोलना।" संता लगभग आधी रात को वापस आया और दरवाजा खटखटाने लगा। जीतो ने कहाँ, "वापस वहीं जाकर सोओ जहाँ से तुम आये हो?" संता ने भी जवाब दिया, "मैं यहाँ सोने नहीं आया, मैं अपने बेडरूम से कंडोम लेने आया हूँ जो टेबल के ऊपर रखे हुए हैं, या तो मुझे आकर दे दो या खिड़की से बाहर फेक दो, वहां पार्टी में बहुत सी औरते मेरा इंतज़ार कर रही हैं।" जीतो ने दरवाजा खोला और कहा, "जानू तुम कहीं नहीं जाओगे, चलो ना घर के अंदर चलो। |