कलुआ को एक दुर्लभ बीमारी थी। जिसका डाक्टरों के पास कोई इलाज नहीं था लेकिन एक हक़ीम ने बताया कि अगर कोई स्त्री एक महीने तक उसे अपना दूध पिलाये तो शर्तिया वो ठीक हो जायेगा।
ये बात जब बिरादरी को पता चली तो उसकी जान बचाने की खातिर उन्होंने मोहल्ले की एक ऐसी महिला को उस पुण्य के काम के लिये तैयार किया! युवक दूध पीने महिला के घर पहुँच गया। पांच मिनट दूध पीने का सिलसिला लगातार चला तो एकाएक महिला उत्तेजित भाव से कलुआ के कान में फुसफुसाई, "कुछ और चाहिये क्या?" बेचारा शरीफ था भावनाओं को समझा नहीं और बोला: एकाध बिस्कुट हो तो दे दो और इस तरह चूतिया शब्द का आविष्कार हुआ। |
कोरोना से निपटने के 5 घरेलू नुस्खे: 1) किसी भौंसड़ी वाले से सीधे मुँह बात नहीं करनी है ।। 2) किसी भौसड़ी वाले के मुँह नहीं लगना है ।। 3) किसी भौंसड़ी वाले को देखते ही मुँह फेर लेना है ।। 4) नरम होने की जरूरत नहीं अकड़ के ही चलना है ।। 5) ऐसे शब्द बोले जिससे मिर्ची ज्यादा लगे और सारे भौंसड़ी वाले आपसे दूर रहे।। नोट- कोई भौंसड़ी का नाराज होवे या रिश्ता तोड़े तो टेंशन लेने की जरूरत नहीं, कोरोना महामारी चली जाये तो फिर मना लेंगे ।।। भौंसड़ी वालो जान है तो जहान है! |
इंटरव्यू देने के लिए 2 विद्यार्थी तैयार बैठे थे। पहले का नंबर आया और वो अंदर जाता है।
ऑफिसर: मान लो आप ट्रेन से यात्रा कर रहे हो, और अचानक आपको गरमी लगे तो आप क्या करोगे? विद्यार्थी: मैं खिड़की खोलूँगा। ऑफिसर: बहुत खूब, अब ये बताओ कि अगर उस खिडकी का क्षेत्रफळ 1.5 sq.m है, डिब्बे का घनफल 12 m3, और ट्रेन 80 km/hr से पश्चिम दिशा की ओर जा रही है, और वायु का गति वेग 5 m/s दक्षिण की ओर है तो डिब्बा कितने समय में ठंडा होगा? उस विद्यार्थी को कोई उत्तर देते नही हुआ और वो फेल हो गया। बाहर आकर अपने मित्र को वो प्रश्न बताया। अब दूसरे विद्यार्थी की बारी आई। ऑफिसर: मान लो आप ट्रेन से यात्रा कर रहे हो, और अचानक आपको गरमी लग रहा है, तब आप क्या करोगे? दूसरा विद्यार्थी: मैं मेरा कोट निकालकर अलग रख दूँगा। ऑफिसर: फिर भी गरमी हो रही है, तो फिर? विद्यार्थी: मैं शर्ट उतार दूँगा। ऑफिसर (चिढ कर): अरे फिर भी गरमी हो रही हो तब क्या करोगे? विद्यार्थी: मैं बनियान भी उतार दूँगा। ऑफिसर (गुस्से में): फिर भी गर्मी लग रही है तो? विद्यार्थी: तो मैं अपनी पैंट उतार दूंगा। ऑफिसर(बहुत गुस्से मैं): अगर कोई तेरी गांड मार ले तो। विद्यार्थी: मैं पूरी ट्रेन से गांड मरवा लूंगा पर खिड़की नही खोलूँगा भोसडी के। |
दो मित्र आपस में बातें कर रहे थे।
एक काफी उत्तेजित था और कह रहा था, "अब मैं अपनी पत्नी को तलाक दे ही दूंगा।" दूसरा मित्र: क्या बात हो गई? पहला मित्र: उसने मुझे बेवकूफ कहा है। दूसरा मित्र: तो तुमने कोई बेवकूफी की होगी? पहला मित्र: नहीं यार! दूसरा मित्र: फिर? दूसरा मित्र: कल रात जब मैं घर पहुंचा तो मैंने उसे किसी दूसरे आदमी की बाहों में देखा। जब मैंने उससे इसका मतलब पूछा तो उसने बिगड़कर कहा, "बेवकूफ कहीं के! तुम्हें तो इसका मतलब भी नहीं पता।" |