अपने शर्मा जी ने ऐसे होटल क्लब में सदस्यता ली जिस में सारी लड़कियां नंगी घूमती थी और खूब चुदती थी। शर्मा अन्दर गया और देखा कि एक लड़की नंगी खड़ी थी! उसका लंड खड़ा हो गया! लड़की: आपने मुझे बुलाया सर? शर्मा: नहीं! लड़की: लगता है आप यहाँ नए आये हो, यहाँ का नियम है कि अगर आपका लंड किसी लड़की को देख कर खड़ा हो जाता है तो समझो आपने उसे बुलाया है! यह कहकर लड़की शर्मा जी को साइड में ले गई और जम कर चुदाई कराई। शर्मा खुश होकर आगे बढ़ा! रास्ते में चलकर उसने जोर से पाद मारा तो सामने एक लम्बा तगड़ा काला आदमी आया और बोला "यहाँ का नियम है कि अगर आपने पादा मतलब मुझे बुलाया" और उस लम्बे चौड़े आदमी ने शर्मा की ढंग से गांड मारी। शर्मा वापस होटल आया और रिसेप्शनिस्ट से बोला "मुझे चेक आउट करना है मुझे इस क्लब में नही रहना।" रिसेप्शनिस्ट: सर एक ही दिन में जा रहे हैं यहाँ एक से बढ़कर एक सेक्सी और चुदक्कड़ लडकियां है। शर्मा: भोसड़ी के... मेरी उम्र 50 साल की है! लंड दिन भर में एक बार खड़ा होता है और पादता 35 बार हूँ! अब यहाँ रुक कर क्या अपनी गांड का भंडारा कराऊं! |
कुछ प्रसिद्ध मुहावरों का सही प्रयोग के लिये विस्तार में विवरण देवर को नहीं देगी पड़ोसी से फड़वा लेगी - मतलब किसी अपने का भला नहीं सोचने वाला जो किसी वस्तु को व्यर्थ बर्बाद कर देगा पर किसी अपने को नहीं देगा। इतने तो चुदाई के ना मिले जितने का लहंगा फट गया - इसका अर्थ किसी ऐसे काम से है जिसमें बहुत मेहनत हो और प्रतिफल बहुत कम। गाण्ड मराये बेगम, दण्ड भरे गुलाम - मतलब किसी के गुनाह की सजा किसी दूसरे को देना यानि चोरों का दण्ड फकीरों को। पकड़ने का पता नहीं और मुठ का ठेका - यह वाक्य उस वक्त के लिए है जब कोई बिना अनुभव वाला किसी अनुभव की आवश्यकता वाले की जगह को ले लेता है। साथ भी सोये और गांड भी छुपाये - मतलब बिना कुछ खोये कुछ पाने की आशा करना। शेर का लण्ड पकड़ना - यानि किसी ऐसे काम में उलझना जिससे छुटकारा पाना भी मुश्किल और करना भी मुश्किल झाँट उखाड़ने से मुर्दे हल्के नहीं होते - यानि किसी भारी काम को बहुत थोड़ा प्रयास करने से कुछ नहीं होता जैसे ओस चाटने से प्यास नहीं बुझती। |
चूतिये चार तरह के होते हैं... 1) नस्लन: ये चूतिये केवल इसलिये चूतिये होते हैं, क्योंकि इनके बाप भी अपने समय के बहुत बड़े चूतिया थे। 2) मसलन: ये वो होते हैं, जिनकी मिसालें दी जाती हैं। 3) शक्लन: यह वो वाले होते हैं, जिनको सिर्फ शक्ल से ही पहचान लिया जाता है। बाकी टेस्ट की जरूरत ही नहीं पड़ती। 4) बकलन: ये वो स्पेशल वैराइटी होती है, जो हर तरह से समझदार लगते हैं; लेकिन एकाएक कुछ ऐसा बोल या कर देते हैं, कि इनको भी चूतिया मानना ही पड़ता है। |
एक पागल रोज कहता था - गुलेल बनाउंगा, कबूतर मारूंगा तो उसका इलाज शुरू किया गया!
6 महीने के इलाज के बाद - डाक्टर: अब क्या करोगे? पागल: शादी करूंगा! डाक्टर: गुड, फिर? पागल: सुहागरात मनाऊंगा! डाक्टर: अच्छा कैसे? पागल: उसकी साड़ी उतारूंगा! डाक्टर: बहुत बढ़िया, फिर? पागल: उसका ब्लाउज उतारूंगा! डाक्टर: फिर? पागल: उसकी ब्रा उतारूंगा! डाक्टर: बहुत अच्छा, फिर? पागल: फिर क्या उसकी ब्रा की इलास्टिक से गुलेल बनाऊंगा, और कबूतर मारूंगा! डाक्टर: मादरचोद! दोबारा एडमिट करो इसको! |