गुदगुदी Adult and Non Veg Hindi Jokes

  • समझदारी का फैंसला!

    पत्नी को किसी गैर मर्द की बाहों में देख कर पति ने पत्नी को गोली मार दी।

    पति पर हत्या का मुक़दमा चलाया गया तो अदालत में जज साहब ने पति से पूछा, "तुमने अपनी पत्नी को गोली क्यों मारी?"

    पति: साहब, कोई भी गैरतमंद मर्द यही करता।

    जज: पर तुमने उसके प्रेमी को गोली क्यों नहीं मारी?

    पति: साहब, पहले तो मैं अपनी पत्नी के प्रेमी को ही गोली मारने वाला था पर फिर मैंने सोच-विचार कर अपनी पत्नी को गोली मार दी?

    जज: पर क्यों गोली मारी, यह तो बताओ?

    पति: हर हफ्ते किसी नए आदमी को गोली मारने की बजाय मैंने अपनी पत्नी को गोली मारना ही ठीक समझा!
  • हीरोइन की महानता!

    एक बार एक हीरोइन शूटिंग के लिए पानी के जहाज में यात्रा कर रही थी। यात्रा के दौरान उसने डायरी लिखी।

    पहले दिन की डायरी में लिखा था, "अब जहाज चल पड़ा है। बड़ा मज़ा आ रहा है। दिल चाहता है कि इस यात्रा का अंत ही ना हो।"

    दूसरे दिन की डायरी में लिखा था, "आज कैप्टन ने मुझे पूरा जहाज दिखाया। खाना भी खिलाया और ड्रिंक कराई और कहा कि रात को उस के कमरे में आकर एक अंतिम घूंट उसके साथ लूं। मैंने इंकार किया तो वो बोला कि यदि आप मेरी बात नहीं मानेंगी तो पूरा जहाज समुंदर में डुबो दूंगा।"

    तीसरे दिन की डायरी में लिखा था, "आज मैंने 2000 लोगों की जान बचा ली।"
  • हनीमून!

    एक सहेली जब हनीमून मना कर लौटी तो उसकी सहेली ने पूछा, "कैसा रहा तुम्हारा हनीमून?"

    दूसरी सहेली: मेरी तो जान पर बन आयी थी।

    पहली सहेली: क्यों क्या हो गया था?

    दूसरी सहेली: बस ऊपर-नीचे, उपर-नीचे और फिर थकान से चूर।

    पहली सहेली: तो तुझे तो खुश होना चाहिए, परेशान क्यों हो?

    पहली सहेली: अरे, तू गलत समझ रही है मैं तो अपने सफ़र की बात कर रही हूँ। पहाड़ियों में ऊपर-नीचे हो रही थी।
  • उदासी का अनोखा कारण!

    पिंकी कक्षा में बहुत उदास बैठी थी।

    उसकी सहेली ने पूछा: क्यों पिंकी क्या बात है? तुम उदास क्यों हो?

    पिंकी: बात यह है कि कल रात मैं एक पार्टी में गई थी। वहाँ हमने एक नया खेल खेला। खेल यह था कि जब कोई प्रेमी किसी प्रेमिका के सवाल का उत्तर नहीं दे पाता था, तो उसे प्रेमिका को चूमना पड़ता था या दस रूपए देने होते थे।

    सहेली: बड़ा मज़ेदार खेल था। इसमें उदास होने की क्या बात है?

    पिंकी: कल रात मेरे पास एक सौ रूपए इकठ्ठा हो गए।
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