एक आदमी रोज़ बैंक जाकर काफी राशि जमा किया करता था एक लाख से कम राशि तो शायद ही उसने कभी बैंक में जमा की होगी कभी 2 लाख तो कभी 3 लाख और ऐसी बड़ी-बड़ी रकम जमा किया करता था! बैंक का मैनेजर उसे हमेशा संशय की दृष्टि से देखता था, उसे समझ नहीं आता था कि यह व्यक्ति रोज़ इतना पैसा कहाँ से लाता है? एक दिन बैंक मैनेजर ने उस व्यक्ति को बुलाया और कहा, यार संता तुम रोज़ इतना पैसा कहाँ से लाते हो, आखिर क्या काम करते हो तुम? संता ने कहा साहब! मेरा तो बस एक ही काम है, मैं शर्त लगाता हूँ और शर्त को हमेशा जीतता हूँ! मैनेजर को यक़ीन नहीं हुआ तो उसने कहा, ऐसा कैसे हो सकता है कि तुम रोज शर्त लगाओ और शर्त को जीत भी जाओ! संता ने कहा, चलिए मैं आपके साथ एक शर्त लगाता हूँ कि आपके कूल्हों पर एक फोड़ा है, अब शर्त यह है कि कल सुबह मैं अपने साथ दो आदमियों को लाऊँगा और आपको अपनी पैंट उतार कर उन्हें अपने कूल्हे दिखाने होंगे, यदि आपके कूल्हों पर फोड़ा होगा तो आप मुझे 5 लाख दे दीजिएगा, और अगर नहीं हुआ तो मैं आपको 5 लाख दे दूँगा, बताइए मंज़ूर है? मैनेजर जानता था कि उसके कूल्हों पर फोड़ा नहीं है, इसलिए उसे शर्त जीतने की पूरी उम्मीद थी, लिहाज़ा वह तैयार हो गया! अगली सुबह संता दो व्यक्तियों के साथ बैंक आया उन्हें देखते ही मैनेजर की खुशी का ठिकाना नही रहा, क्योंकि वह जानता था कि उसके कूल्हों पर फोड़ा नही है उसने उन्हें अपने केबिन में बिठाया! इसके बाद मैनेजर ने उनके सामने अपनी पैंट उतार दी और संता से कहा देखो मेरे कूल्हों पर कोई फोड़ा नहीं है, तुम शर्त हार गए अब निकालो 5 लाख रुपए! संता के साथ आए दोनों व्यक्ति यह दृश्य देख बेहोश हो गए! संता ने हँसते हुए मैनेजर को 5 लाख रूपए दिए और ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगा! मैनेजर को कुछ समझ नहीं आया तो उसने पूछा तुम तो शर्त हार गए फिर क्यों इतना हँसे जा रहे हो? संता ने कहा तुम्हें पता है, ये दोनों आदमी इसलिए बेहोश हो गए क्योंकि मैंने इनसे 25 लाख रूपयों की शर्त लगाई थी कि बैंक का मैनेजर तुम्हारे सामने पैंट उतारेगा, इसलिए अगर मैंने तुम्हें 5 लाख दे भी दिए तो क्या फ़र्क पड़ता है, 20 तो फिर भी बचे न! |
प्रीतो पहली बार अपने बॉयफ्रेंड बंता के साथ डेट पर जा रही थी उसने इस बारे में पहले अपनी दादी को बताना मुनासिब समझा, जब दादी ने सुना तो दादी ने उसे हिदायत देते हुए कहा देख सुन... आज कल के लड़के बड़े बिगड़े हुए है इसलिए तुम मेरी बात गौर से सुनो! देखो वह तुम्हें किस्स करने की कोशिश करेगा, तुम्हें भी शायद अच्छा लगे पर तुम उसे ये सब मत करने देना, वह तुम्हारे वक्षों को पकड़ने की कोशिश करेगा और शायद तुम्हें भी अच्छा लगे पर ये भी उसे मत करने देना! वह शायद तुम्हारी टांगों के बीच में हाथ डालने की कोशिश करेगा वह भी शायद तुम्हें अच्छा लगे पर तुम उसे ये भी मत करने देना और सबसे जरुरी बात वह तुम्हारे ऊपर आकर तुम्हें प्यार करने की कोशिश करेगा और शायद तुम भी उसके साथ मस्त हो जाओ पर उसे ऐसा मत करने देना इससे परिवार की बदनामी होती है! ये सब बातें सुनने के बाद प्रीतो बंता के साथ डेट पर चली गयी शाम को जब लौटी तो वह अपनी दादी से नहीं मिल पाई! जब अगले दिन वह अपनी दादी से मिली तो उसने अपनी दादी को डेट के बारे में बताते हुए कहा दादी मैंने अपने परिवार का नाम बदनाम नहीं किया जब वह मेरे ऊपर आने की कोशिश करने लगा तो उल्टा मैं उसके ऊपर चढ़ गयी और..... मैंने उसके परिवार का नाम बदनाम कर दिया! |
संता और जीतो को अक्सर सेक्स करने में परेशानी होतो थी क्योंकि उनके बच्चे अब बड़े हो गए थे वे लगभग 4 और 6 साल के हो चले थे तब उन्होंने सेक्स करने के लिए कुछ सांकेतिक भाषा का प्रयोग करना शुरू कर दिया! एक दिन संता ने अपनी बेटी से कहा कि जाओ अपनी माँ से कहो कि मैंने एक लैटर टाइप करना है! लड़की अपनी मम्मी के पास गयी और जोर जोर से कहने लगी मम्मी, मम्मी पापा ने लैटर टाइप करना चाहते है! मम्मी ने कहा जाओ अपने पापा से कहो कि आज टाइपिंग नहीं हो सकती आज टाइप राइटर में लाल रिब्बन लगा है! कुछ दिनों के बाद संता अपने किसी काम में व्यस्त था तभी उसकी बीवी ने अपनी लड़की को आवाज दी लड़की भागती हुई अपनी मम्मी के पास पहुंची! मम्मी ने उसे कहा कि अपने पापा से कहो कि आज वे टाइपिंग कर सकते है लड़की अपने पापा के पास आयी और कहने लगी कि मम्मी कह रही है कि आज आप टाइपिंग कर सकते है! संता ने कहा जाओ अपनी मम्मी से जाकर कहो कि मुझे टाइपराइटर की कोई जरुरत नहीं है मैंने लैटर हाथों से ही लिख लिया है! |
संता ने एक रेस्टोरेंट में कुछ खास व्यंजनों का ऑर्डर दिया! एक बूढ़े वेटर ने ऑर्डर लिया और सबसे पहले एक विशेष प्रकार का सूप लेकर आया! संता ने नोटिस किया कि सूप लाते हुए उसके एक हाथ का अंगूठा सूप के अन्दर था वेटर ने सॉरी कहते हुए सूप टेबल पर रख दिया! संता ने उस सूप को नहीं पिया, उसके बाद वह वेटर एक खाने की प्लेट लेकर आया और साथ में कुछ तरल सा कोई व्यंजन लाया! संता ने फिर देखा कि वेटर ने उस तरल व्यंजन में भी अंगूठा डाला है उसके बाद वह कॉफी लेकर आया कॉफी में भी उसने अंगूठा डाल रखा है! संता से अब नहीं रहा गया और संता ने उसे पूछ लिया कि तुमने जितनी भी खाने पीने की चीजें लायी सब में अपना अंगूठा डाल कर लाये क्या बात है? वेटर ने कहा साहब मेरे इस अंगूठे में फ्रैक्चर हुआ था, अब इसमें दर्द होता है, डॉक्टर ने कहा है कि इसे हमेशा गरमी में रखना! संता तो तुम इसे अपनी गुदा में क्यों नहीं रखते! वेटर ने कहा जब किचन में होता हूँ तो गुदा में ही रखता हूँ! |