मैं 'किसी से' बेहतर करूँ क्या फ़र्क पड़ता है; मैं 'किसी का' बेहतर करूँ बहुत फर्क पड़ता है। |
खुद को खुश करने का सबसे अच्छा तरीका है, किसी और को खुश करने की कोशिश करना। |
ईश्वर चित्र में नहीं चरित्र में बस्ता है; इसलिए अपनी आत्मा को पवित्र बनाओ। |
दूसरों को सहयोग देना ही उन्हें अपना सहयोगी बनाना है। |
मनुष्य सुबह से शाम तक काम करके उतना नहीं थकता; जितना क्रोध और चिंता से एक क्षण में थक जाता है। |
अगर आपका मित्र आपकी सफलता से ईर्ष्या करता है तो यह बात स्पष्ट है कि वो आपका कभी मित्र था ही नहीं। |
महान बनने की चाहत तो हर एक में है, पर महान बनने के चक्कर में हम इंसान बनना भूल जाते हैं। |
बुलंदी की उडान पर हो तो जरा सबर रखो; परिंदे बताते हैं कि आसमान में ठिकाने नही होते। |
दो तरह से देखने में चीज़ें छोटी नज़र आती हैं; दूर से और गुरूर से। |
तक़दीर के लिखे पर कभी शिकवा ना कर; तू अभी इतना समझदार हुआ नहीं कि रब के इरादे समझ सके। |