कितना ही अपनापन दिखाओ, लेकिन याद रखना एक बात, देर से ही सही लेकिन लोग बदल ही जाते हैं! |
बुरा वक़्त तो आज न कल गुज़र ही जायेगा! बस वही नहीं गुज़रते जिसकी वजह से बुरा वक़्त आता है! |
अगर मेरे अलफ़ाज़ खूबसूरत लगते हैं तो सोचिए, जिन्हें सोचकर लिखते हैं वो कितने खूबसूरत होंगे! |
यह पूछना था कि... दीपावली में दीपक तो जला सकते है ना? उसकी गर्मी से कहीं अंटार्कटिका की बर्फ तो नही पिघल जाएगी? |
रिश्वत अकेली नहीं आती है, देने वाले की बद्दुआ, मजबूरियाँ, क्रोध व तनाव भी नोटों से लिपटा होता है! |
कर लेना चाहिए कभी-कभी दिल को भी सेनीटाइज़ साहब... क्योंकि नफरत के वायरस यहीं से जन्म लेते हैं। |
पहला पयार बचपन की चोट की तरह होता है, जिसके निशान जिन्दगी भर रह जाते हैं! |
इश्क़ अगर ख़ाक न कर दे... तो ख़ाक इश्क़ हुआ! |
तू हँस, तू मुस्कुरा और रोना कम कर दे, ज़िंदा है तू, ज़िन्दगी की नाक में दम कर दे! |
ये पैसा है जनाब, बहुत क़ीमती होता है! जब तक आप के पास होता है, तब तक "अपनों" को साथ रखता है! |