काला है मेरा रूप; उड़ता हूँ मैं चाहे बारिश चाहे धूप; ना मैं पतंग ना कोई विमान; सुनकर मेरी वाणी सब बंद करें अपने कान। |
बैठूं जैसे बैठे ऊँठ; चलूँ तो जैसे चले हिरन; बूझ सको तो जल्दी बूझ; नहीं तो मैं चला तू तारे गिण। |
सुबह सवेरे आता हूँ मैं; शाम ढले चला जाता हूँ मैं; मुझे देख करें दिन की शुरुआत; सब को आकर रोशनाता हूँ मैं। |
एक थाल उल्टा है पड़ा; चमकते मोतियों से है जड़ा। |
कर बोले कर ही सुने; श्रवण सुने नहीं थाह; कहें पहेली बीरबल; बूझो अकबर शाह। |
सबके ही घर ये जाये; तीन अक्षर का नाम बताए; शुरु के दो अति हो जाये; अंतिम दो से तिथि बन जाये। |
मध्य कटे तो बनता कम; अंत कटे तो कल; लेखन में मैं आती काम; सोचो तो क्या मेरा नाम। |
ऐसी कौन सी चीज है, जिसे आप खरीदते हो तो रंग काला, उपयोग करते हो तो लाल और फेंकते हो तो सफेद होता है? |
एक कुंए में 9 मेंढक थे। एक मेंढक मर गया तो बताओ अब कुंए में कितने मेंढक हैं? |
आना जाना उसको भाए; जिस घर जाए टुकड़े कर आए। |