दूर हो जाने से रिश्ते नहीं टूटते; न ही सिर्फ पास रहने से जुड़ते हैं; ये तो दिलों के बंधन हैं इसलिए; हम तुम्हें और तुम हमें नहीं भूलते। |
कोई टूटे तो उसे बनाना सीखो; कोई रूठे तो उसे मनाना सीखो; रिश्ते तो मिलते हैं मुक़द्दर से बस; उन्हें ख़ूबसूरती से निभाना सीखो। |
यहाँ कौन किसका रकीब होता है; कौन किसका हबीब होता है; बन जाते हैं रिश्ते इस दुनिया में; जहाँ जहाँ जिसका नसीब होता है। |
दौलत की भूख ऐसी थी कि कमाने निकल गए; दौलत मिली तो हाथ से रिश्ते निकल गए; बच्चों के साथ रहने की फुर्सत ना मिल सकी; और जब फुर्सत मिली तो बच्चे खुद ही दौलत कमाने निकल गए। |
रिश्ते काँच की तरह होते हैं; टूटे जाए तो चुभते हैं; इन्हे संभालकर हथेली पर सजाना; क्योंकि इन्हें टूटने मे एक पल; और बनाने मे बरसो लग जाते हैं। |
स्वार्थ से रिश्ते बनाने की कितनी भी कोशिश करो यह बनेगा नहीं, और प्यार से बने रिश्ते को तोड़ने की कितनी भी कोशिश करो यह टूटेगा नहीं। |
जीवन में ज़ख़्म बड़े नहीं होते, उनको भरने वाले बड़े होते हैं; रिश्ते बड़े नहीं होते लेकिन उनको निभाने वाले लोग बड़े होते हैं। |
हर रिश्ते में मिलावट देखी; कच्चे रंगों की सजावट देखी; लेकिन सालों-साल देखा है माँ को; उसके चेहरे पे ना कभी थकावट देखी; ना ममता में कभी कोई मिलावट देखी। |
कोशिश करो कि कोई तुम से ना रूठे; ज़िंदगी में अपनों का कभी साथ ना छूटे; रिश्ता कोई भी हो उसे ऐसे निभाओ; कि उस रिश्ते की डोर ज़िंदगी भर ना टूटे। |
रिश्ते और पौधे दोनों एक जैसे होते हैं; लगाकर भूल जाओ तो दोनों ही सूख जाते हैं। |