यादें अक्सर होती हैं सताने के लिए; कोई रूठ जाता है फिर मान जाने के लिए; रिश्ते निभाना कोई मुश्किल तो नहीं; बस दिलों में प्यार चाहिए उन्हें निभाने के लिए। |
छोटी सी बात पे लोग रूठ जाते हैं; हाथ उनसे अनजाने में छूट जाते हैं; कहते हैं बड़ा नाज़ुक है अपनेपन का यह रिश्ता; इसमें हँसते-हँसते भी दिल टूट जाते हैं। |
रिश्तों की ही दुनिया में अक्सर ऐसा होता है; दिल से इन्हें निभाने वाला ही अक्सर रोता है; झुकना पड़े तो झुक जाना अपनों के लिए; क्योंकि हर रिश्ता एक नाज़ुक समझौता होता है। |
रिश्तों का विश्वास टूट ना जाये; दोस्ती का साथ कभी छूट ना जाये; ऐ खुदा गलती करने से पहले संभाल लेना मुझे; कहीं मेरी गलती से मेरा कोई अपना रूठ ना जाये। |
यादें अक्सर होती हैं सताने के लिए; कोई रूठ जाता है फिर मान जाने के लिए; रिश्ते निभाना कोई मुश्किल तो नहीं; बस दिलों में प्यार चाहिए उसे निभाने के लिए। |
कुछ रिश्ते इस जहान में ख़ास होते हैं; हवा के रुख से जिन के एहसास होते हैं; यह दिल की कशिश नहीं तो और क्या हैं; दूर रह कर भी वो दिल के कितने पास होते हैं। |
दिल से बने रिश्तों का नाम नहीं होता; इनका कभी भी निरर्थक अंजाम नहीं होता; अगर निभाने का हो जज्बा दोनों तरफ; तो ये पाक रिश्ता कभी बदनाम नहीं होता। |
अपने रिश्तों को बारिश की तरह न बनाये, जो आये और चली जाये; बल्कि रिश्ते ऐसे बनाये जो हवा की तरह हमेशा आपके अंग संग रहें। |
लगे न नज़र इस रिश्ते को ज़माने की; पड़े न ज़रुरत कभी एक-दूजे को मनाने की; छोड़ना न कभी आप हमारा ये साथ; तमन्ना हमारी भी है इसे मौत तक निभाने की। |
ज़िंदगी नहीं हमें ये रिश्ता है प्यारा; रिश्तों के प्यार से ही खिलता है दिल हमारा; आँखों में हमारी आँसू है तो क्या गम है; इस बात की ख़ुशी है कि मुस्कुरा रहा है कोई जान से प्यारा। |