कब उनकी आँखों से इज़हार होगा; दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा; गुजर रही है रात उनकी याद में; कभी तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा। |
इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा; यादें कटती हैं ले-ले कर नाम तेरा; मुद्दत से बैठे हैं ये आस पाले कि; आज आयेगा कोई पैगाम तेरा। |
कब तक इंतज़ार करूँ मैं तेरा; अब इंतज़ार नहीं होता; तूने जो दिल न लगाया होता तो; मेरा ये हाल न होता। |
कभी उनकी पलकों से इज़हार होगा; दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा; गुजर रही है रात उनकी याद में; कभी तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा! |
कोई क्यों मेरा इंतज़ार करेगा; अपनी जिंदगी मेरे लिए बेकार करेगा; हम कौन से, किसी के लिए ख़ास हैं; क्या सोचकर कोई हमें याद करेगा! |
इंतज़ार हमसे होता नहीं; इज़हार में ज़माना लगेगा; मेरे इश्क को तुम क्या जानो; प्यार में तो परवाना ही जलेगा! |
प्यार उसे करो जो तुमसे प्यार करे; खुद से भी ज्यादा तुम पे ऐतबार करे; तुम बस एक बार कहो कि रुको दो पल; और वो उन दो पलों के लिए पूरी जिंदगी इंतज़ार करे! |
इंतज़ार की आरजू अब खो गई है; खामोशियों की आदत सी हो गई है; ना शिकवा रहा ना सिकायत किसी से; अगर है तो एक मोहब्बत; जो इन तनहाइयों से हो गई है। |
रोती हुई आँखो मे इंतज़ार होता है; ना चाहते हुए भी प्यार होता है; क्यों देखते हैं हम वो सपने; जिनके टूटने पर भी उनके सच होने का इंतज़र होता है! |
बस तेरी यादों से ही है तारीफ मेरी; वर्ना ये सारा जहान तो मुझे अजनबी सा लगता है! |