सिर झुकाने से सुकून मिलता है, इबादत से चेहरे पे नूर खिलता है, कोई खाली नहीं लौटा, कभी आपके दर से, वो अल्लाह ही है जो हर दुआ क़ुबूल करता है। ईद उल-फ़ित्र मुबारक! |
थोड़ी सी इबादत बहुत सा सिला देती है, गुलाब की तरह चेहरा खिला देती है; अल्लाह की याद को दिल से जाने ना देना, कभी-कभी छोटी सी दुआ अर्श हिला देती है! अल्लाह को चाहने वाले सभी लोगों को ईद उल-फ़ित्र मुबारक! |
हर ख़्वाहिश हो मंज़ूर-ए-खुदा, मिले हर कदम पर रज़ा-ए-खुदा; फना हो लब्ज-ए-गम यही है दुआ, बरसती रहे सदा रहमत-ए-खुदा! ईद मुबारक! |
मुबारक हो आपको खुदा की दी हुई यह ज़िंदगी, खुशियों से भरी रहे आपकी ज़िंदगी; गम का साया कभी आप पर न आए, दुआ है यह हमारी, आप सदा यूं ही मुस्कुराएं! ईद मुबारक! |
तुमने ईद के चांद को देखा; चांद की तो ईद हो गई! ईद मुबारक! |
कही-अनकही हर दुआ आपकी, करे खुदा कुबूल; चाँद से नूर बरसे आप पर, बरसें आसमां से फूल! ईद मुबारक! |
आज खुदा की हम पर हो मेहरबानी, कर दे माफ हम लोगों की सारी नाफरमानी; ईद के दिन आज आओ मिलकर करें यह वादा खुदा की राहों पर हम चलेंगे सदा। ईद मुबारक! |
मुबारक़ मौक़ा अल्लाह ने अता फरमाया, एक बार फिर बंदगी की राह पे चलाया, अदा करना अपना फर्ज़ तुम ख़ुदा के लिए, खुशी से भरी हो यह ईद आपके लिए। ईद मुबारक! |
ईद के दिन आओ करें यही वादा, खुदा की ही राहों में चलेंगे सदा, खुदा की हो हम पर मेहरबानी, कर दे माफ हम सब की सारी नाफरमानी! सभी को ईद मुबारक! |
तेरी दीद जिसको नसीब हो वो नसीब खुशनसीब है; तेरी याद है मेरी जिंदगी तुझे देखना मेरी ईद है। ईद मुबारक! |