कोई गिला कोई शिकवा ना रहे आपसे; यह आरज़ू है कि सिलसिला रहे आपसे; बस इस बात की बड़ी उम्मीद है आपसे; खफा ना होना अगर हम खफा रहें आपसे। |
दोस्ती में दूरियां तो आती रहती हैं; फिर भी दोस्ती दिलों को मिला देती है; वो दोस्ती ही क्या जिसमे नाराज़गी ना हो; पर सच्ची दोस्ती रूठे हुए को मना लेती है। |
इस कदर हमारा इम्तिहान मत लीजिये; क्यों हो गए हो ख़फ़ा ये बयां तो कीजिये; कर दीजिये माफ़ अगर हो गयी है कोई खता हमसे; यूँ मुँह फेर कर हमसे हमें सज़ा तो मत दीजिये। |
भूल से कोई भूल हुई तो भूल समझ कर भूल जाना; पर भूलना सिर्फ भूल को; भूल से भी हमें ना भुला जाना। |
कुछ पल में ज़िंदगी की तस्वीर बन जाती है; कुछ पल में ज़िंदगी की तक़दीर बदल जाती है; कर दो हमे माफ़ तुम ना होना यूँ हमसे खफा ऐ मेरे दोस्त; क्योंकि इसी रुस्वाई से पूरी ज़िंदगी बिखर जाती है। |
बहुत ही उदास है कोई शख्स तेरे जाने से; हो सके तो लौट कर आज किसी बहाने से; भले तू लाख ख़फ़ा हो पर एक बार तो देख ले; कोई बिखर गया है तेरे रूठ कर जाने से। |
चुप रहते हैं हम कि कोई खता न हो जाये; हमसे यूँ ही कोई रुस्वा न हो जाये; बड़ी मुश्किल से बना है अपना कोई; मिलने से पहले ही कोई जुदा न हो जाये। |
वो मेरा दोस्त जो खुदा सा लगता है; दिल के पास है पर फिर भी जुदा सा लगता है; बहुत दिनों से आया नहीं कोई पैगाम उसका; शायद किसी बात पे हमसे ख़फ़ा सा लगता है। |
खता अगर हमसे हो जाये तो माफ़ करना; याद ना कर पाये तुम्हें तो माफ़ करना; यूँ तो हम कभी आपको भूलते नहीं; पर यह दिल की धड़कन ही थम जाये तो माफ़ करना। |
इस कदर हमारी चाहत का इम्तिहान न लीजिये; क्यों हो हमसे ख़फ़ा ये बयां तो कीजिये; कर दीजिये माफ़ अगर हो गयी है मुझसे कोई खता; यूँ रूठ कर हमसे हमें सज़ा तो न दीजिये। |