लॉकडाउन में एक बात तो समझ आ गयी कि दुनिया में कुछ नहीं रखा है! जो कुछ भी रखा है, किचन में ही रखा है! |
मैं कोई भी काम कल पर नहीं टालता, परसों पर टाल देता हूँ! ताकि कल भी टेंशन फ्री रह सकूँ! |
बैंक के बाहर एक बोर्ड लगाया, "आप घर पर रहें और मजे करें, नहीं तो नॉमिनी मजे करेगा!" |
बहुत बुरा वक़्त आ गया है! पति लड़ाई करके बाहर नहीं जा सकता और पत्नी मायके! |
जिस तरह चेचक को माता का दर्ज़ा मिला है, उसी तरह कोरोना को भी ससुर का दर्ज़ा मिलना चाहिए! कम्बख्त ने सबके चेहरे ढकवा दिए! |
"आने दो शाम को तेरे पापा को" एक यही खौफ था बच्चों को, लॉकडाउन में ये भी अब खत्म हो गया! |
चित्रकार: ऐसी तस्वीर बनाऊँगा कि आपको ऐसा लगेगा की पत्नी अभी बोल पडे़गी आदमी: तो तू रहने दे भाई! |
पति-पत्नी की नोंक-झोंक का विषय भी बदल रहा है! ढंग से पोंछा तो मार नहीं सकते, पता नहीं ऑफिस कैसे सँभालते होंगे? |
आपका व्यवहार ही आपको मर्द बनाता है, बाकी मूछें, वो तो इस लॉकडाउन में सुशीला, बिमला और पिंकी को भी आ गयी हैं! |
आने वाली पीढ़ियों को हम कहानियाँ सुनायेंगे, पुलिस हमें इसलिए मारती थी ताकि हम मर ना जायें! |