तिउ तिउ सैल करहि जिउ भावै ॥ महरम महल न को अटकावै ॥ कहि रविदास खलास चमारा ॥ जो हम सहरी सु मीतु हमारा ॥३॥२॥ गुरु रविदास जयंती की हार्दिक बधाई! |
मेरी संगति पोच सोच दिनु राती ॥ मेरा करमु कुटिलता जनमु कुभांती ॥१॥ अर्थ: (हे प्रभु!) दिन रात मुझे ये सोच रहती है (मेरा क्या बनेगा?) बुरे लोगों के साथ मेरा उठना-बैठना है, खोट मेरा (नित्य कर्म) है; मेरा जनम (भी) नीच जाति में से है।1। ~ गुरु रविदास जी! गुरु रविदास जयंती की शुभ कामनाएं! |
हिंदू तुरक नहीं कछु भेदा सभी मह एक रक्त और मासा। दोऊ एकऊ दूजा नाहीं, पेख्यो सोइ रैदासा।। गुरु रविदास जयंती की हार्दिक बधाइयाँ। |
भला किसी का नहीं कर सकते तो बुरा किसी का मत करना; फूल जो नहीं बन सकते तो तुम काँटे बनकर मत रहना। ~ गुरु रविदास! आप सब को गुरु रविदास जयंती की शुभ कामनायें! |
कह रैदास तेरी भगति दूरि है, भाग बड़े सो पावै। तजि अभिमान मेटि आपा पर, पिपिलक हवै चुनि खावै। गुरु रविदास जयंती की शुभ कामनायें! |
तब लगु प्रानी तिसै सरेवहु जब लगु घट महि सासा ॥ जे घटु जाइ त भाउ न जासी हरि के चरन निवासा ॥२॥ जिस कउ सबदु बसावै अंतरि चूकै तिसहि पिआसा ॥ हुकमै बूझै चउपड़ि खेलै मनु जिणि ढाले पासा ॥३॥ ~ गुरु रविदास जी। गुरु रविदास जयंती की शुभ कामनायें! |
जिनि जीउ दीआ सु रिजकु अ्मबरावै ॥ सभ घट भीतरि हाटु चलावै ॥ करि बंदिगी छाडि मै मेरा ॥ हिरदै नामु सम्हारि सवेरा ॥२॥ ~ गुरु रविदास जी। गुरु रविदास जयंती की शुभ कामनायें! |