अपनी जिंदगी के अलग असूल हैं; यार की खातिर तो कांटे भी कबूल हैं; हंस कर चल दूं कांच के टुकड़ों पर भी; अगर यार कहे, यह मेरे बिछाए हुए फूल हैं। |
जिंदगी को क्या जरुरत है मंजिलों की; वक्त हर मंजिल आसान बना देता है; मरता नहीं किसी से जुदा होकर कोई; ये वक सबको जीना सिखा देता है। |
जरुरत के मुताबिक जिंदगी जिओ - ख्वाहिशों के मुताबिक नहीं। क्योंकि जरुरत तो फकीरों की भी पूरी हो जाती है; और ख्वाहिशें बादशाहों की भी अधूरी रह जाती है। |
जवानी भी जिंदगी का क्या दौर होती है; निगाहें भी कम्बख्त दिलों का चोर होती हैं; याद आते ही आज भी मुस्कान दे जाती है; इश्क में इंतज़ार की बात ही कुछ और होती है। |
मत कर तलाश मंजिलों की; खुदा खुद ही मंजिल दिखा देता है; यूं तो मरता नहीं कोई किसी के बिना; वक्त सबको जीना सिखा देता है। |
अजीब तरह से सोचा था जिंदगी के लिए; जीना मरना था उसी के लिए; वो मुझे तन्हा छोड़ गई तो यकीन आया; कोई नहीं मरता किसी के लिए। |
बनती है अगर बात तो बांट लो हर ख़ुशी; गम न ज़ाहिर करो तुम किसी से कभी; दिल की गहराई में गम छुपाते रहो; चार दिन की जिंदगी में सदा मुस्कुराते रहो। |
कोई खुशियों की चाह में रोया; कोई दुखों की पनाह में रोया; अजीब सिलसिला है ये जिंदगी का; कोई भरोसे के लिए रोया; तो कोई भरोसा करके रोया। |
जिंदगी जीना आसान नहीं होता; बिना संघर्ष कोई महान नहीं होता; जब तक न पड़े हथोड़े की चोट; पत्थर भी भगवान नहीं होता! |
जिंदगी में 4 बातें आपका साथ कभी नहीं छोड़ेंगी: 1. दिल की धड़कन। 2. परछाईं। 3. खुशियां। 4. एक उससे रिश्ता जिसका आप मैसेज पढ़ रहे हो। |