भूतकाल के बारे में सोचोगे तो पछताओगे, वर्तमान के बारे में सोचोगे तो मुस्कराओगे! |
मेहनत सीढियों की तरह होती है और भाग्य लिफ्ट की तरह! किसी समय लिफ्ट तो बंद हो सकती हैं लेकिन सीढियाँ हमेशा उँचाई की तरफ ले जाती हैं। |
कर दिया है बेफिक्र तूने फ़िक्र अब मैं कैसे करूँ; फ़िक्र तो यह है कि तेरा शुक्र कैसे करूँ। |
दुनिया विरोध करे तुम ङरो मत, क्योंकि जिस पेङ पर फल लगते हैं दुनिया उसे ही पत्थर मारती है। |
समझदार वह व्यक्ति नहीं जो ईंट का जवाब पत्थर से दे। समझदार वह है जो फेंकी हुई ईंट से अपना आशियाना बना ले। |
होके मायूस ना यूँ शाम की तरह ढलते रहिये, ज़िंदगी एक भोर है सूरज की तरह निकलते रहिये, ठहरोगे एक पाँव पर तो थक जाओगे, धीरे धीरे ही सही मगर राह पे चलते रहिये। |
जो हो गया उसे सोचा नहीं करते; जो मिल गया उसे खोया नहीं करते; हासिल उन्हें ही होती है सफलता; जो वक़्त और हालात पर रोया नहीं करते। |
ज़िंदगी चाहे एक दिन की हो या चाहे चार दिन की, उसे ऐसे जियो जैसे कि ज़िंदगी तुम्हें नहीं मिली, ज़िंदगी को तुम मिले हो। |
हार और जीत हमारी सोंच पर निर्भर है। मान लिया तो हार और अगर ठान लिया तो जीत। |
रेहमत खुदा की तेरी चौखट पे बरसती नज़र आये; हर लम्हा तेरी तक़दीर संवरती नज़र आये; बिन मांगे तुझे मिले तू जो चाहे; कर कुछ ऐसा काम कि दुआ खुद तेरे हाथों को तरसती नज़र आये। |