कोई साथ दे ना दे, तू चलना सीख ले; हर आग से हो जा वाकिफ तू जलना सीख ले; कोई रोक नहीं पायेगा बढ़ने से तुझे मंज़िल की तरफ; हर मुश्किल का सामना करना तू सीख ले। |
ताश के पत्तों से कभी महल नहीं बनता; नदी को रोक लेने से कभी समंदर नहीं बनता; बढ़ते रहो ज़िंदगी में हर पल किसी नयी दिशा की तरफ; क्योंकि बस एक जंग जीतने से कोई सिकंदर नहीं बनता। |
खोकर पाने का मज़ा ही कुछ और है; रोने के बाद मुस्कुराने का मज़ा ही कुछ और है; हार तो जिंदगी का हिस्सा है मेरे दोस्त; हारने के बाद जीतने का मज़ा ही कुछ और है। |
कोशिशों के बाद भी अगर कभी हो जाए हार; होकर निराश ना बैठना मन को अपने मार; बढ़ते रहना आगे सदा जैसा भी आ जाये समय; क्योंकि पा लेती हैं मंज़िल चींटी भी गिर कर बार-बार। |
सोच को अपनी ले जाओ तुम शिखर तक; कि उसके आगे सारे सितारे भी झुक जाएं; न बनाओ अपने सफ़र को किसी कश्ती का मोहताज़; चलो इस शान से कि तूफ़ान भी झुक जाए। |
ख़ुशी एक ऐसा एहसास है, जिसकी हर किसी को तलाश है; ग़म एक ऐसा अनुभव है, जो सबके पास है; मगर ज़िन्दगी तो वही जीता है, जिसको खुद पर विश्वास है। |
सामने हो मंजिल तो रास्ता ना मोड़ना; जो मन में हो वो ख्वाब ना तोड़ना; हर कदम पे मिलेगी कामयाबी तुम्हें; बस सितारे छूने के लिए कभी ज़मीन ना छोड़ना। |
मायूस मत हो यह एक गुनाह होता है; मिलता वही है जो किस्मत में लिखा होता है; हर चीज़ मिले आसानी से यह ज़रूरी तो नहीं; मुश्किलों के दौर में ही तो हिम्मत का पता चलता है। |
कुछ कर गुजरने के लिए मौसम नहीं मन चाहिए; रास्ते तो अपने आप बन जायेंगे बस हौंसलों का धन चाहिए। |
कितनो की तकदीर बदलनी है तुम्हें; कितनो को रास्ते पे लाना है तुम्हें; अपने हाथों की लकीरों को मत देख; इन लकीरों से बहुत आगे जाना है तुम्हें। |