कुल मिलाकर व्हाट्सप्प अब पड़ोस वाली आंटियों जैसी हरकतें करेगा! यहाँ की बात उधर! |
जो मैं बोलता हूँ, वो मैं करता हूँ! और जो मैं नहीं बोलता, वो मैं व्हाटसएप्प कर देता हूँ! |
ईश्वर का लाख लाख शुक्र है कि फेसबुक, व्हाट्सएप - चाइनीज़ नहीं है; वर्ना हम सब ऐसे बिछड़ जाते जैसे कुंभ के मेले में निरूपा राय के बच्चे! |
नवरात्रि के कारण WhatsApp भी इतना भक्तिमय हुआ पड़ा है कि... मन करता है मैसेज भी चप्पल उतार कर पढूं! |
ये WhatsApp बनाने वाला जरूर ही चुगलखोर रहा होगा! वरना क्या जरुरत है ये बताने कि कौन-कौन Online है! |
सोच रहा था कि व्हाट्सप्प बंद कर दूँ, लेकिन साला उसका ढक्कन नहीं मिल रहा! |
व्हाट्सऐप भी मुर्गियों के घोंसलों जैसे ही है! बार-बार खोल के देखना पड़ता है कि किसी ने अंडा तो नहीं दिया! |
Whatsapp हो या ज़िन्दगी, लोग स्टेटस ही देखते हैं! |
WhatsApp ग्रुप क्या है? WhatsApp ग्रुप रेल का वो खचाखच भरा डिब्बा है। जहाँ पाद कोई भी मारे सूंघना सभी को पड़ता है। |
व्हाट्सएप्प का ऐसा चस्का लग गया है कि... . . . . . . . दरवाजे की घंटी भी बजती है तो मोबाइल उठा लेता हूँ। |