बाबा जी के बहकावे में आकर दारु छोड़ दी। लीवर तो बच गया लेकिन दोस्त बिछुड़ गए। |
आज का ज्ञान: गर्मी में दारू दोपहर को पीनी चाहिए क्योंकि अगर गिर भी जाओ तो लोग समझेंगे चक्कर आ गया होगा। |
दो शराबी GST पर बात कर रहे थे... मतलब अब गोवा के रेट पर ही अपने को यहाँ भी मिलेगी। |
वज़न ना बड़े इसके कुछ उपाय: 1. दारू के साथ कोल्ड्रिंक का उपयोग कभी ना करें। 2. पापड़ सिका हुआ ही लें, तला हुआ नहीं। 3. अंडा उबला हुआ लें पर उसमें नमक ना लगायें। नमक से बीपी बढ़ता है। और भी बातें/सुझाव हैं, कृपया जब पीने बैठे तो बुलाएं। तभी डिस्कस हो पाएंगी। |
मेरी रूह का परिंदा फड़फड़ाये, लेकिन सकून का जजीरा मिल न पाए। प्रश्न: इस कविता में, कवि कहाँ है और क्या कर रहा है? उत्तर: इस कविता में कवि हाईवे पर है और शराब की दुकान ढूंढ रहा है। |
जिस तरह मुर्दे को कंधा देना पुण्य का काम समझता जाता है; ठीक उसी तरह दारू पिए हुए इंसान को सहारा देना भी पुण्य का काम ही समझना चाहिए। |
मैंने उसी दिन से पीना छोड़ दिया, जब रात में मैं अपने फ़ोन को आधा घण्टा उसी की Flashlight में ढूंढता रहा। |
शाम के समय ही बार या ठेके की तरफ आकर्षित होने को दारुत्वाकर्षण कहते हैं। ~ न्यूटन का पिऊटन! |
मुझे शराब की बोतल का स्वभाव पसन्द आता है, जो खुद'खाली' होकर दूसरों को'फुल' कर देती है! इसी को निस्वार्थ सेवा कहते हैं! |
एक ज़रूरी सूचना: पति अगर सरकारी शराब की दुकान से शराब खरीदकर पीता है, और पत्नी उसे रोकती है, तो उसे 'सरकारी कार्य में बाधा' माना जाएगा। |