दुनियां जिसे नींद कहती है; जाने वो क्या चीज़ होती है; आँखें तो हम भी बंद करते हैं; और वो आपसे मिलने की तरकीब होती है। शुभ रात्रि! |
कब उनकी पलकों से इज़हार होगा; दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा; गुज़र रही है रात उनकी यादो में; कभी उनको भी हमारा इंतज़ार होगा। शुभ रात्रि! |
चाँद का रंग है White; रात को चमकता है Bright; हमको देता है मस्त Light; मैं कैसे सो जाऊं, आपको बिना कहे Good Night। शुभ रात्रि! |
आज फिर सोने लगे तो तुम याद आ गए; ना जाने तुम मेरी नींद हो या दिल की धड़कन। शुभ रात्रि! |
हम ने एक असूल पे सारी उम्र गुज़ारी है; जिस को अपना जान लिया फिर उस को परखा नहीं। शुभ रात्रि! |
चाँद की चांदनी ने एक पालकी बनाई है; और ये पालकी हमने बड़े प्यार से सजाई है; दुआ है ये हवा तुझसे, जरा धीरे चलना; मेरे यारों को बड़ी प्यारी नींद आई है। शुभ रात्रि! |
अभी तो रात बाकी है, मेरे दिल की बात बाकी है; जो मेरे दिल में छुपा है, वो जज़्बात बाकी है; जल्दी से सो जाना दोस्त, आप की नींद बाकी है; सुबह मिलते हैं, कल की शुरुआत बाकी है। शुभ रात्रि! |
चांदनी बिखर गई है सारी; रब से है ये दुआ हमारी; जितनी प्यारी है तारों की यारी; आपकी नींद भी हो उतनी ही प्यारी। शुभ रात्रि! |
जब भी तेरी दीद का इम्कान रहेगा; दिल और परेशान रहेगा; चलो दूर रह कर ख़्वाबों में मिलते हैं; मिलने का यही रास्ता आसान रहेगा। शुभ रात्रि! |
अपनों के प्यार में, दोस्तों की याद में; सलामत रहे ये ज़िंदगी हमारी; क़यामत हो ना हो; याद रहे सदा आप को हमारी। शुभ रात्रि! |