नयी-नयी सुबह, नया-नया सवेरा; सूरज की किरणों में हवाओं का बसेरा; खुले आसमान में सूरज का सवेरा; मुबारक़ हो आपको ये हसीं सवेरा। |
हर फूल आपको अरमान दे; हर सुबह आपको सलाम दे; अगर आपका एक आँसू भी निकले, तो खुदा आपको उससे दोगुनी मुस्कान दे। सुप्रभात। |
बहार आती है आपके गुन गुनाने से; फूल खिलते हैं आपके मुस्कुराने से; अब जाग भी जाओ, मेरे प्यारे दोस्त; क्योंकि हर सुबह होती है आपके चह-चहाने से। सुप्रभात! |
ताज़ी हवा में फूलों की महक हो; पहली किरण में चिड़ियों की चहक हो; जब भी खोलो आप अपनी पलकें, उन पलकों में बस खुशियों की झलक हो। सुप्रभात! |
सूरज तू उनको मेरा पैगाम देना; ख़ुशी का दिन और हंसी की सुबह देना; जब वो देखें तुझे बाहर आकर; तो उनको मेरा सुप्रभात कहना। |
हर सुबह निकल पड़ता है जो खुद की तलाश में; वो खोई हुई सी एक पहचान हूँ मैं; ना आँखों में ख्वाब है ना दिल में तमन्ना कोई; अपनी बनाई हुई राहों से ही अनजान हूँ मैं। सुप्रभात! |
मौसम की बहार अच्छी हो; फूलों की कलियाँ कच्ची हों; हमारे ये रिश्ते सच्चे हों; ऐ रब तेरे से बस एक दुआ है; कि मेरे यार की हर सुबह अच्छी हो। सुप्रभात! |
उजाला काफी हो चुका है; उस शमा को बुझा दो; एक हसीं सुबह राह देख रही है आपकी; बस पलकों को हलके से उठा दो। सुप्रभात! |
ये राहें ले ही जाएंगी मंज़िल तक, हौंसला रख; कभी सुना है कि अँधेरे ने सवेरा होने न दिया हो। सुप्रभात! |
फूलों की वादी में हो बसेरा आपका; सितारों के आँगन में हो घर आपका; दुआ है एक दोस्त की यही कि; सारे जहां से खूबसूरत हो सवेरा आपका। सुप्रभात! |