यह ज़रूरी नहीं कि इंसान हर रोज़ मंदिर जाये बल्कि... कर्म ऐसे होने चाहिए कि इंसान जहाँ भी जाये मंदिर वहीं बन जाये। |
काम का आलस और पैसों का लालच, हमें महान बनने नहीं देता। |
टूटी कलम और औरो से जलन, खुद का भाग्य लिखने नहीं देती । |
मंज़िल पाना तो बहुत दूर की बात है अगर गुरूर में रहोगे तो रास्ते भी नहीं देख पाओगे। |
ज़िन्दगी में अपनापन तो हर कोई दिखाता है लेकिन अपना कौन है ये तो वक़्त ही बताता है। |
जितना अगूंठा फ़ोन पर चलता है अगर इतना माला पर चल जाता तो भगवान मिल जाते। |
समय बहाकर ले जाता है, नाम और निशान; कोई 'हम' में रह जाता है, और कोई 'अहम' में। |
संसार में केवल मनुष्य ही ऐसा एक मात्र प्राणी है जिसे ईश्वर ने हंसने का गुण दिया है, इसे खोईए मत। |
मनुष्य सुबह से शाम तक काम करके इतना नहीं थकता जितना क्रोध और चिंता से एक क्षण में थक जाता है। |
पानी मर्यादा तोड़े तो 'विनाश' और वाणी मर्यादा तोड़े तो 'सर्वनाश'। |