प्रेरणादायक Hindi SMS

  • शाम सूरज को ढलना सिखाती है;<br/>
शमा परवाने को जलना सिखाती है;<br/>
गिरने वालो को तकलीफ़ तो होती है;<br/>
पर ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती है।Upload to Facebook
    शाम सूरज को ढलना सिखाती है;
    शमा परवाने को जलना सिखाती है;
    गिरने वालो को तकलीफ़ तो होती है;
    पर ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती है।
  • मुश्किलें ही हमारे इरादे आज़माती हैं;<br/>
ख्वाबों के परदे निगाहों से हटाती हैं;<br/>
हौंसला मत हार गिर कर ओ मुसाफिर;<br/>
ठोकरें ही तो इंसान को चलना सिखाती हैं।Upload to Facebook
    मुश्किलें ही हमारे इरादे आज़माती हैं;
    ख्वाबों के परदे निगाहों से हटाती हैं;
    हौंसला मत हार गिर कर ओ मुसाफिर;
    ठोकरें ही तो इंसान को चलना सिखाती हैं।
  • मुश्किलों से भाग जाना आसान होता है;<br/>
ज़िंदगी में हर मोड़ पर एक इम्तिहान होता है;<br/>
डरने वालों को मिलता नहीं ज़िंदगी में कुछ भी;<br/>
लड़ने वालों के क़दमों में सारा जहान होता है।Upload to Facebook
    मुश्किलों से भाग जाना आसान होता है;
    ज़िंदगी में हर मोड़ पर एक इम्तिहान होता है;
    डरने वालों को मिलता नहीं ज़िंदगी में कुछ भी;
    लड़ने वालों के क़दमों में सारा जहान होता है।
  • ऐसा नहीं होगा कि रास्तों में रहमत नहीं होगी;<br/>
पैरों के तेरे चलने की आदत नहीं होगी;<br/>
अगर है कश्ती तो ना होगा किनारा कभी दूर;<br/>
तेरे इरादों में अगर जीतने की चाहत बची होगी।Upload to Facebook
    ऐसा नहीं होगा कि रास्तों में रहमत नहीं होगी;
    पैरों के तेरे चलने की आदत नहीं होगी;
    अगर है कश्ती तो ना होगा किनारा कभी दूर;
    तेरे इरादों में अगर जीतने की चाहत बची होगी।
  • जो देख कर मुश्किलों को सामने घबराते नहीं;<br/>
रखते हैं भरोसा खुद पर हर काम के लिए रब के पास जाते नहीं;<br/>
होते हैं वही कामयाब ज़िंदगी के इस इम्तिहान में;<br/>
जो करते हैं हर मुश्किल का सामना और थक कर बैठ जाते नहीं।Upload to Facebook
    जो देख कर मुश्किलों को सामने घबराते नहीं;
    रखते हैं भरोसा खुद पर हर काम के लिए रब के पास जाते नहीं;
    होते हैं वही कामयाब ज़िंदगी के इस इम्तिहान में;
    जो करते हैं हर मुश्किल का सामना और थक कर बैठ जाते नहीं।
  • कोशिशों के बाद भी अगर कभी हो जाये हार;<br/>
होकर निराश ना बैठना मन को अपने मार;<br/>
बढ़ते रहना आगे सदा जैसा भी आ जाये समय;<br/>
क्योंकि पा लेती हैं मंज़िल चींटी भी गिर कर बार-बार।Upload to Facebook
    कोशिशों के बाद भी अगर कभी हो जाये हार;
    होकर निराश ना बैठना मन को अपने मार;
    बढ़ते रहना आगे सदा जैसा भी आ जाये समय;
    क्योंकि पा लेती हैं मंज़िल चींटी भी गिर कर बार-बार।
  • ताश के पत्तों से कभी महल नहीं बनता;
    नदी को रोक लेने से कभी समंदर नहीं बनता;
    बढ़ते रहो ज़िंदगी में हर पल किसी नयी दिशा की ओर;
    क्योंकि सिर्फ एक जंग जीतने से कोई सिकंदर नहीं बनता।
  • मायूस मत होना यह एक गुनाह होता है;
    मिलता वही है जो किस्मत में लिखा होता है;
    हर चीज़ मिले आसानी से यह ज़रूरी तो नहीं;
    मुश्किलों के दौर में ही तो हिम्मत का पता चलता है।
  • ना कर आसमान की हसरत, ज़मीन की तलाश कर;
    सब है यहीं कहीं और ना तू कुछ तलाश कर;
    पूरी हो हर आरज़ू तो क्या मज़ा है जीने का;
    अगर जीना है तो किसी हसीन वजह की तलाश कर।
  • बुझने लगी हों आँखें तेरी, चाहे थमने लगे रफ़्तार;
    उखड़ने लगी हों साँसे तेरी, दिल करता हो चित्कार;
    दोष विधाता को ना देना, बस मन में रखना तुम अपने आस;
    विजयी बनता है वही, जिसके पास हो आत्मविश्वास।